उन्होने बताया कि जब मुझे पता चला कि यहॉं कि महिलाएँ चौपाल में नही चढ़ती , वो जबसे शादी होकर इस गॉंव में आई हैं तबले आज तक चौपाल में कोई नहीं चढ़ा । फिर मैने सरपंच विजयपाल व पंचों से बातचीत की और उनकी सहमति बनवाई । इसके बाद जब महिलाओ को इक्ट्ठा किया तो महिलाओ में बहुत संशय था ।काफी बातचीत होने पर महिलाएं विशेवास के साथ चौपाल की पेड्यो को नमस्कार कर ऊपर चढ़ी ।
इसके बाद गॉंव की बुज़ुर्ग महिलाओ ने रिबन काटकर चौपाल में प्रवेश किया । गॉंव की 65 वर्षीय संतरा ने बताया कि वो हमेशा मंदिर की तरह इसको नमस्कार करके निकलती है लेकिन कभी किसी महिला को चौपाल चढ़ते नही देखा । गॉंव की बुज़ुर्ग महिला ममता ने बताया कि यह तो आज चमत्कार हो गया कि चौपाल में महिलाए बैठकर बातचीत कर रही है । आज हमारे पुरूष भी मान गए , यह बहुत बड़ी बात है । गॉंव के सरपंच विजयपाल यादव ने कहा कि सुनील जागलान जी ने इतने विश्वास के साथ इस पुरानी हमारी परम्परा को आज तुड़वाया कि हमें कोई दुख नही हुआ।
सुनील जी गॉंव में लाडो पुस्तकालय की जगह देखने के लिए आए और उन्हे चौपाल पसंद आ गई लेकिन जब हमने बताया कि यह हमारी परम्परा है कि चौपाल में महिलाए नही जाती तो उन्होने बताया कि जब वो बीबीपुर गॉंव के सरपंच थे तो उनके गॉंव में भी यही परम्परा थी और उन्होने उसे तोड़ा और आज बीबीपुर गॉंव मॉडल बनकर उभरा ।फिर हमें भी सहारा मिला और हमें भी आज खुशी महसूस हो रही है । अब हम चौपाल में ही बीबीपुर मॉडल से लाडो पुस्तकालय बनाएँगे । अब गॉंव को बीबीपुर मॉडल से विकसित करेंगे ।
सुनील जागलान ने कहा कि गुरूग्राम का लिंगानुपात हरियाणा में सबसे कम है और यहॉं यह परम्परा समाप्त होने से दूसरे गॉंवो में भी महिलाओ के लिए सकारात्मक क्रॉंतिकारी बदलाव आऐंगें । मैं यहॉं अन्य गॉंवो की पुरानी ग़लत परम्पराओं को समाप्त करवाने का लगातार प्रयास करता रहूँगा । मुझे महिलाओ के चेहरे पर बदलाव की मुस्कराहट देखना पंसद है ।