प्रतिदिन लगेगा एक करोड़ जुर्माना ! जाने क्यों…
गुडगाँवPublished: Feb 19, 2020 01:07:20 am
अथॉरिटी ने फेज टू और फेज थ्री बिल्डिंग प्लान भी मांगा।प्रोजेक्ट में देरी पर थ्री सी और ओरेस पर रेरा सख्त।
प्रतिदिन लगेगा एक करोड़ जुर्माना, जाने क्यों…
गणेश सिंह चौहान
गुरुग्राम. हरियाणा रियल एस्टेट रगुलेटरी अथॉरिटी ने गुरुग्राम की थ्री सी और ओरेस बिल्डर कंपनी के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। कंपनी को 30 अप्रेल तक तीन माह का समय देते हुए पहले फेज का काम पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। इस अवधि में यदि प्रोजेक्ट में देरी होती है तो दोनों प्रमोटर पर एक- एक करोड़ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। अथॉरिटी ने प्रमोटर को यह भी आदेश दिए कि वह फेज टू और फेज थ्री निर्माण प्लान भी जमा कराए। इससे प्रोजेक्ट में घर खरीदने वालों के हित की रक्षा की जा सके।
पटौदी रोड पर 4722 एकड़ जमीन पर हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए ओरेस कंपनी ने 2012-13 में लाइसेंस लिया था। बाद में प्रोजेक्ट में थ्री सी कंपनी जुड़ गई। ओरेस का शेयर 65 प्रतिशत और बाकी थ्री सी का शेयर निश्चित किया गया।
थ्री सी सिर्फ इसी प्रोजेक्ट के लिए बनाई गई थी। इसमें 13 अन्य लाइसेंसी थे। प्रोजेक्ट 2016 तक पूरा व खरीददारों को कब्जा देना था। प्रोजेक्ट में एक हजार 862 यूनिट हैं। इसके लिए 29 टावर बनाने हैं। कंपनी ने 1650 यूनिट बेच भी दिए। कब्जा देने की तय अवधि निकलने के बाद भी खरीददारों को मकान नहीं मिले। उन्होंने पिछले साल रेरा गुरुग्राम में शिकायत की।
ज्वाइंट प्रोजेक्ट का तरीका ही गलत था
अथॉरिटी ने कंपनी के खाते खंगाले तो दोनों कंपनी में प्रोजेक्ट को लेकर हुए समझौते को गलत माना। प्रमोटर को निर्देश दिए कि वह पहले प्रोजेक्ट को नए समझौते अनुसार एक माह के भीतर रजिस्टर्ड कराए। कंपनी को यह छूट दी गई कि फाइनल रजिस्ट्रेशन तक वह डीम्ड रजिस्ट्रेशन कर लें। आरोप है कि तय अवधि में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया। कंपनी पर अथॉरिटी ने 110 और 55 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है।
दिशा निर्देश का भी नहीं किया पालन
कंपनी ने लाइसेंस तो 47,22 एकड़ का लिया, लेकिन दस एकड़ जमीन अलग रख ली। अथॉरिटी ने दस एकड़ जमीन सीज व कंपनी के खाते सील कर दिए। कंपनी ने एक खाते की जानकारी भी अथॉरिटी के साथ साझा नहीं की। इस खाते का फॉरेंसिक ऑडिट कराया है।
पहला फेज होना चाहिए 30 अप्रेल तक पूरा
अथॉरिटी ने कंपनी को आदेश दिया कि पहला फेज 30 अप्रेल तक हर हालत में पूरा होना चाहिए। कंपनी ने दूसरे-तीसरे फेज का जो प्लान दिया है। इससे अथॉरिटी सहमत नहीं है। प्लान दोबारा देने के आदेश दिए गए हैं। रेरा के नियमों में यह भी है अगर कोई बिल्डर आदेश पालना नहीं करेंगे तो तीन माह तक जेल हो सकती है।