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संघ व भाजपा करेंगे फैसला सीएमओ में किसकी होगी ताजपोशी

locationगुडगाँवPublished: Nov 19, 2019 09:06:30 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

संघ ने भाजपा को साफ कर दिया है कि इस बार राजनीतिक महत्वाकांक्षा वाले किसी भी व्यक्ति को सीएमओ में अहम जिम्मेदारी न दी जाए।सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में दूसरी बार बनी भाजपा सरकार के कार्यकाल में सीएमओ में किस-किस की एंट्री होगी, इसका फैसला बुधवार को रोहतक में होगा।

चंडीगढ़. हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट पूरी होने के बाद अब सीएमओ में नियुक्तियों पर मंथन का दौर शुरू हो गया है। अंतिम फैसला संघ की सिफारिश पर भाजपा हाईकमान लेगा। जिस तरह से मंत्रियों की ताजपोशी में संघ का हस्तक्षेप रहा है उससे यह साफ हो गया है कि सीएमओ में भी संघ की सिफारिश पर ही नियुक्ति होगी। संघ ने भाजपा को साफ कर दिया है कि इस बार राजनीतिक महत्वाकांक्षा वाले किसी भी व्यक्ति को सीएमओ में अहम जिम्मेदारी न दी जाए।सीएम मनोहर लाल के नेतृत्व में दूसरी बार बनी भाजपा सरकार के कार्यकाल में सीएमओ में किस-किस की एंट्री होगी इसका फैसला बुधवार को रोहतक में होगा। राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ तथा भाजपा के नेता आज इस बारे में मंथन करके मुख्यमंत्री को बताएंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री पूरा घटनाक्रम हाईकमान के संज्ञान में डालेंगे और सीएमओ में नई नियुक्तियां होंगी।

ताबड़तोड़ हुई थी नियुक्तियां

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प्रदेश में मनोहर सरकार ने दूसरी बार 27 अक्टूबर को सत्ता संभाली थी। 14 नवंबर को मनोहर के नए मंत्रियों ने भी अपना कार्यभार संभाल लिया था लेकिन इस बार अभी तक सीएमओ में कोई नियुक्ति नहीं है, जबकि वर्ष 2014 में पहली बार मनोहर सरकार के सत्ता में आने पर सबसे पहले पार्टी नेता जवाहर यादव को मुख्यमंत्री का ओएसडी नियुक्त किया गया था। इसके बाद सीएमओ में ताबड़तोड़ ओएसडी, मीडिया सलाहकार तथा अन्य कई तरह की नियुक्तियां हुई थी।

अंबाला के बजाए रोहतक में होगी बैठक


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इस बार प्रदेश में भाजपा द्वारा जननायक जनता पार्टी के सहयोग के साथ सरकार चलाई जा रही है और पहले के मुकाबले संघ का हस्तक्षेप भी अधिक है। ऐसे में सीएमओ में किन अधिकारियों को नियुक्त किया जाए इसमें भाजपा से अधिक संघ की चलेगी। ऐसे में संघ नेताओं द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को अंबाला में बुलाई गई बैठक को बदल कर रोहतक में कर दिया गया है।सूत्रों की मानें तो इस बैठक में प्रांत संचालक विजय भाटिया, संघ चालक पवन जिंदल,प्रांत कारवाह सुभाष आहूजा, प्रांत व्यवस्था प्रमुख रविंद्र सक्सेना समेत कई नेता मौजूद रहेंगे। इसके अलावा सरकार की तरफ से सांसद एवं पार्टी महासचिव संजय भाटिया, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला तथा संगठन मंत्री सुरेश भट्ट मौजूद रहेंगे। इस बैठक में हरियाणा सीएमओ में होने वाली नियुक्तियां तथा भविष्य में सरकार का कामकाज किस तरह से चलाया जाए यही मुख्य एजेंडा होगा।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पहले कार्यकाल के दौरान सीएमओ में नियुक्तियों को लेकर अंतिम समय तक तजुर्बे होते रहे हैं। पहले कार्यकाल के दौरान सीम ने राजेश गोयल को अपना निजी सचिव नियुक्त किया था। गोयल की राजनीतिक इच्छाएं जागृत हो गई और उन्होंने जींद से चुनाव लडऩे की तैयारी कर डाली। जींद उपचुनाव के दौरान गोयल भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिली। मनोहर लाल ने जवाहर यादव को सबसे पहले नियुक्त किया और सबसे पहले सीएमओ से हटाकर उन्हें हाउसिंग बोर्ड का चेयरमैन लगाया। जवाहर यादव के स्थान पर नीरज दफ्तौर की सीएमओ में एंट्री हुई जो अंतिम समय तक डटे रहे।पहले कार्यकाल में रेलवे अधिकारी विजय शर्मा भी सीएम के ओएसडी के रूप में आए थे लेकिन उनकी भी सीएम के साथ पटरी नहीं बैठी और बीच कार्यकाल ही चंडीगढ़ से रवाना हो गए। इसी दौरान कैप्टन भूपेंद्र सिंह को ओएसडी की जिम्मेदारी दी गई लेकिन कार्यकाल पूरा होते-होते उन्हें भी ओएसडी से हटाकर कानफैड का चेयरमैन लगा दिया गया। मुख्यमंत्री ने जगदीश चोपड़ा को राजनीतिक सलाहकार लगाया था लेकिन बाद में उन्हें भी इस पद से हटाकर पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन लगा दिया गया। इसी तरह सीएमओ में रहे दीपक मंगला भी कार्यकाल के अंत तक राजनीति में सक्रिय हो गए और वर्तमान में वह विधायक हैं।
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