रणजीत सिंह को आसानी से मनाया
निर्दलियों में फूट के बाद मुख्यमंत्री ने रणजीत सिंह से कह दिया कि अचानक उभरे विरोध के कारण अभी उनको मंत्री नहीं बताया जा सकता। सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने रणजीत सिंह को बड़ी आसानी से पटा लिया। अब रणजीत सिंह को लगने लगा कि उसका विरोध जाट विधायक ही कर रहे हैं तो वें भी मान गए।
इसीलिए रणजीत सिंह ओर साथी राकेश दौलताबाद को लेकर चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंच गए। क्योकि उनको भविष्य में मंत्री बनाने की उम्मीद थी। उन्होंने दिल्ली के हरियाणा भवन में बैठक कर रहे पांच निर्दलीय विधायकों से भी सम्पर्क नहीं किया।
इसी स्थिति का फायदा उठा कर मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों को सरकारी आवास पर डिनर पर बुला लिया। अब तय यह हुआ कि मंत्री बनने वाले विधायको को सूचना पत्र डिनर के समय ही दिया जाए।
इस बार वाकई गुप्त है मंत्रियों के नाम
मजेदार बात यह रही कि मंत्री किसे बनाया जाएगा, इस बारे कोई भी सूचना छन कर बाहर नहीं आई। लेकिन चर्चाकार कहते हैं कि रामकुमार गौतम को मंत्री बनाने से रोकने के लिए पूर्व वित्तमंत्री कै. अभिमन्यु अड़े हुए हैं। उनको पता है कि गौतम के मंत्री बनने के बाद उनकी नारनौंद हलके में चौधर प्रभावित हो जाएगी। इसलिए वें प्रयास कर रहे हैं कि रामकमार गौतम को मंत्री न बनाया जाए। पर जेजेपी के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सूची में पहला नाम ही रामकुमार गौतम का है।
जेजेपी गौतम को मंत्री बनाने पर अड़ी हुई है। दूसरी ओर यह भी जानकारी मिली है कि मंत्रिमंडल के गठन के पहले चरण में भाजपा के चार तो जेजेपी के दो मंत्री ही शपथ लेंगे। इनमें से चार कैबिनेट मंत्री तो दो राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। इसके बाद जब हालात सामान्य हो जाएंगे तो मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जाएगा।
चर्चाकारों ने बताया है कि कल गुरुवार को होने वाले मंत्रिमंडल के गठन में निर्दलीय विधायकोंं में से किसी को भी शामिल नहीं किया जाएगा। मंत्रियों को लेकर अब सारे पत्ते कल ही खुलेंगे।