हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास निगम निर्माणकर्ता एजेंसी को मरम्मत के लिए बार-बार पत्र लिख रहा है, लेकिन सुनवाई नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ सड़क निर्माण करने वाली कम्पनी 1570 करोड़ रुपए से अधिक राशि की मांग कर रही है। राशि नहीं मिलने पर उन्होंने आगे का काम रोक दिया है।
बन गया जोखिम का सफर
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भीड़ कम करने के लिए केंद्र सरकार ( Modi Goverment ) ने केएमपी कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे को आनन-फानन में शुरू करवा दिया। लोकसभा चुनाव ( Loksabha Election 2019 ) से पूर्व इसे पूरा करने का दबाव बनाकर जल्दबाजी करने से कई जगह खामियां रह गई। इससे यह रोड चालकों के लिए जोखिम का हाइवे बन गया। हाल यह है कि रात की तो बात ही क्या, दिन में भी सफर करना सुरक्षित नहीं रहा। जगह-जगह गड्डे हो गए हैं। औसतन हर दो किलोमीटर पर गड्डा बना हुआ है। एक्सप्रेस-वे पर लाइट तक नहीं लग पाई है। जानकारी के अनुसार इस हाइवे की सड़क 14 वर्ष तक निर्माणकर्ता कम्पनी की निगरानी में रहेगी और टूट फूट की जिम्मेदारी उन्हीं की होगी। सड़क पर कई जगह सौन्दर्यीकरण का कार्य भी नहीं हो पाया। वहीं सड़क के बीच लगाए पौधों की सिंचाई नहीं हो पाने की वजह से वे सूख गए।
नहीं मिल पाई एनओसी
हाइवे की निर्माणकर्ता कम्पनी अब एनओसी लेने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह से भुगतान भी अटका हुआ है। अधूरे पड़े कार्यों के कारण एनओसी जारी नहीं की जा रही है। जानकारी में आया है कि सड़क निर्माण की खामियों को लेकर मुख्यमंत्री नाराज हैं और भुगतान करवाने में जरा भी रूचि नहीं दिखा रहे हैं, लेकिन चंडीगढ सीएमओ में बैठे कुछ अधिकारी येन केन एनओसी जारी करने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रतिदिन 55 लाख की टोल वसूली
केएमपी कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस वे के टोल से प्रतिदिन लगभग 55 लाख रुपए राजस्व एकत्र हो रहे हैं। इसे बावजूद चलने के लिए न तो सड़क सही हालत में है न उजाला है। यहां तक कि सड़क के सान्दर्यीकरण का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है।
केएमपी कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस को कंपनी ने मापदंडों के अनुसार तैयार किया है। सरकार और हमारे बीच किसी प्रकार की खींचतान नहीं है, बल्कि बरसात का इंतजार किया जा रहा है। बरसात होने पर दोनों तरफ पौधे लगाए जाएंगे।
प्रदीप गोयल, एसएल गु्रप