ब्रह्मपुत्र का रौद्र रूप जारी है। ब्रह्मपुत्र नीमतीघाट, जोरहाट, तेजपुर और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसी तरह कोपली, जियाभाराली और धनसीरी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। असम का करीब एक लाख हेक्टेयर कृषि क्षेत्र बाढ़ में डूबा हुआ है। असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक राज्य के 1500 गांव बाढग़्रस्त हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों के करीब 37 हजार लोग 208 बाढ़ राहत शिविरों में पनाह लिए हुए हैं। गोलपारा सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाला जिला है, जहां 4.19 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। जिसके बाद मोरीगांव में 2.63 लाख से अधिक लोग और दक्षिण सलमारा में लगभग 2.50 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के हालात में कुछ सुधार हुआ है। हालांकि उद्यान का 65 प्रतिशत इलाका अभी बाढ़ में डूबा हुआ है। उद्यान से बाहर गए एक सींगवाले गेंडे की मौत के साथ कुल मरने वाले गेंडों की संख्या 15 हो गई है। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने दैनिक बाढ़ रिपोर्ट में कहा है कि बरपेटा, कोकराझाड़ एवं कामरूप में जिलों में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हो गई।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने लखीमपुर के ढाकुखाना में चिरोरिया नदी पर बने एक तटबंध का निरीक्षण किया। सोनोवाल ने ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी, जिहाद नदी स्थल का भी दौरा किया जहां बाढ़ से भारी क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर लिखा “ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी जिआधाल नदी ने वर्तमान में बाढ़ के दौरान भारी क्षति पहुंचाई है। धेमाजी जिले में भुजगाँव में सहयोगियों के साथ प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री वितरित की गई।