मालूम हो कि दावें और शिकायतें लेना 23 सितंबर से शुरु की गई है। सूत्रों के अनुसार मिले दावों और शिकायतों पर 31 जनवरी से नोटिस जारी करना शुरु किया जाएगा जिन पर 15 फरवरी से सुनवाई शुरु होगी। सूत्रों ने बताया कि इनकी सुनवाई राज्य सरकार के प्रथम श्रेणी के अधिकारी करेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के लिए पंद्रह सौ से पच्चीस सौ अधिकारी काम पर लगेंगे। सूत्रों के अनुसार आसू और अन्य तीस जातीय संगठनों के प्रयास से इतनी भारी संख्या में अंतिम समय में शिकायतें दर्ज कराई गई है। आसू के महासचिव लुरिन ज्योति गोगोई ने कहा कि प्रत्येक फॉर्म में पांच लोग हैं तो लगभग तीन लाख शिकायतों से 15 लाख लोगों के खिलाफ शिकायतें हुई है। मालूम हो कि 30 जुलाई 2018 को जब अंतिम प्रारुप एनआरसी का प्रकाशन हुआ था तब इसमें कुल आवेदनकर्ताओं में से 2.89 करोड़ लोगों के नाम शामिल हुए थे।