प्रश्नोत्तरकाल में भाजपा की विधायक सुमन हरिप्रिया, कांग्रेस के विधायक अब्दुल हाई नागरी, प्रतिपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया, गोलाघाट की विधायक अजंता नेउग, एआईयूडीएफ के विधायक निजानुर रहमान, भाजपा के विधायक चक्रधर गोगोई, एआईयूडीएफ के विधायक अमिनुल इस्लाम और कांग्रेस के विधायक जाकिर हुसैन सिकदार अपने सवाल पूछने के लिए सदन में मौजूद नहीं थे।
अध्यक्ष ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता देवब्रत सैकिया ने अपना सवाल पूछने के लिए कांग्रेस के विधायक अब्दुल खालेक को अधिकृत किया था, लेकिन खालेक भी उपस्थित नहीं थे। इनमें से कई विधायक बाद में सदन में देखे गए। जो भी विधायक उपस्थित थे वे प्रश्नोत्तरकाल के बाद या तो चले गए या लॉबी में या परिसर में इधर-उधर थे। इसलिए सुबह 11 से 12 बजे तक तीन बार कोरम का संकट आया और अध्यक्ष को घंटी बजानी पड़ी। जब कटौती प्रस्ताव पर चर्चा होती है, तो अक्सर विधायक गायब हो जाते हैं। बुधवार को भी एक बार कोरम का संकट आया। बजट आज पास हुआ, लेकिन खुद वित्त मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा अनुपस्थित थे। उनकी अनुपस्थिति में संसदीय मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने उनकी भूमिका अदा की। डॉ. शर्मा डिब्रुगढ़ में पार्टी की एक सभा को संबोधित करने गए हुए थे। इससे साफ होता है कि लगातार विधानसभा के कामकाज में विधायकों की रुचि कम-सी गयी है। इस पर अध्यक्ष ने भी आज जमकर चिंता जताई।