वापस नहीं लौटते है रोहिङ्ग्या
मिज़ोरम में म्यांमार सीमा से रोहिङ्ग्या लोगों के अलावा चिन-ईसाई समुदाय के लोग भी म्यांमार सेना की कार्यवाही से परेशान होकर शरण मांगते रहते हैं और कहा जा रहा कि एक बार मिज़ोरम में घुस जाने के बाद उनमें से कई लोग वापिस म्यांमार को नही जाते हैं। इसके अलावा मिज़ोरम में बांग्लादेश से चकमा-बोध समुदाय के लोगों पर भी अवैध घुसपैठ करने के आरोप लगते रहते हैं।
इससे पहले जनवरी 2019 में असम पुलिस ने 30 रोहिङ्ग्या लोगों के एक समूह को आसाम-त्रिपुरा सीमा पर पकड़ा था। असम पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किए गए इन 30 लोगों के समूह में आदमी, महिलाएं और बच्चे शामिल थे।