scriptमिजोरम का एक गांव लड़ रहा है नागरिकता की अलग जंग | A village in Mizoram is fighting a separately for citizenship | Patrika News

मिजोरम का एक गांव लड़ रहा है नागरिकता की अलग जंग

locationगुवाहाटीPublished: Dec 29, 2019 10:16:36 pm

Submitted by:

arun Kumar

Tension between Mizo-chakma: मिज़ो-चकमा समुदाय के बीच तनाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। मिजोरम के लुंगलई जिले में नागरिकता को लेकर मिजो और चकमा समुदाय में विवाद (Tension in Mizo and Chakma community for citizenship) चल रहा है। वर्तमान में लुंगलई (lunglai) के एक गांव को जबरन खाली कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोप है कि दिसंबर में ही राज्य सरकार ने मिजो समुदाय के नागरिक संगठनों की मदद से कमलानगर-देमगिरी के पास चकमा समुदाय का गांव खाली कराया है।

मिजोरम का एक गांव लड़ रहा है नागरिकता की अलग जंग

मिजोरम का एक गांव लड़ रहा है नागरिकता की अलग जंग

– मिजो और चकमा समुदाय में विवाद को लेकर तनातनी
– लुंगलईमें चकमा समुदाय का गांव जबरन खाली कराया

सुवालाल जांगु. आइजोल.

एक ओर जहां संशोधित नागरिकता कानून को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। साथ ही, मिजोरम के ब्रू-शरणार्थियों का मामला त्रिपुरा में अभी शांत भी नहीं हुआ है। इसी बीच, मिज़ो-चकमा समुदाय के बीच तनाव दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। मिजोरम के लुंगलई जिले में नागरिकता को लेकर मिजो और चकमा समुदाय में विवाद चल रहा है। वर्तमान में लुंगलई के एक गांव को जबरन खाली कराने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। आरोप है कि दिसंबर में ही राज्य सरकार ने मिजो समुदाय के नागरिक संगठनों की मदद से कमलानगर-देमगिरी के पास चकमा समुदाय का गांव खाली कराया है। ग्रामीणों ने पत्र लिखकर राज्यपाल से शिकायत की है। पत्र में बताया गया कि ग्रामीणों को तीन माह में गांव खाली करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों ने आदेश जारी किए थे। इस अवधि में गांव न खाली करने पर गंभीर परिणाम की चेतावनी भी जारी की गई थी। चकमा समुदाय के नेताओं ने राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग की है।

सीएए से चकमा समुदाय को मिल सकती है नागरिकता
मिजोरम का एक गांव लड़ रहा है नागरिकता की अलग जंग

मिजो समुदाय के संगठन चकमा समुदाय को बांग्लादेश से आए घुसपैठिया बताते हैं। वहीं, चकमा समुदाय के अनुसार, उनके गांव आजादी के समय से भारत में बसे हुए हैं। इसका उल्लेख आजादी के बाद की गई पहली जनगणना में भी मिलने की बात कहते हैं। मिज़ो समुदाय को आशंका हैं कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के लागू होने पर बांग्लादेश से घुसपैठ कर आए चकमा समुदाय को नागरिकता मिल जाएगी।

मिजोरम में अल्पसंख्यक हैं चकमा

राज्य में चकमा समुदाय अल्पसंख्यक है, जो प्रदेश की कुल आबादी का १० प्रतिशत हैं। मिजो समुदाय की आबादी ८५ प्रतिशत है। राज्य के दक्षिणी जिला लुंगलई में चकमा समुदाय रहता है, जो संविधान की छठीं अनुसूची के अंतर्गत चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) से प्रशासित किया जाता है। यह राज्यपाल की देख-रेख में रहता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो