मिजो समुदाय के संगठन चकमा समुदाय को बांग्लादेश से आए घुसपैठिया बताते हैं। वहीं, चकमा समुदाय के अनुसार, उनके गांव आजादी के समय से भारत में बसे हुए हैं। इसका उल्लेख आजादी के बाद की गई पहली जनगणना में भी मिलने की बात कहते हैं। मिज़ो समुदाय को आशंका हैं कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के लागू होने पर बांग्लादेश से घुसपैठ कर आए चकमा समुदाय को नागरिकता मिल जाएगी।
मिजोरम में अल्पसंख्यक हैं चकमा
राज्य में चकमा समुदाय अल्पसंख्यक है, जो प्रदेश की कुल आबादी का १० प्रतिशत हैं। मिजो समुदाय की आबादी ८५ प्रतिशत है। राज्य के दक्षिणी जिला लुंगलई में चकमा समुदाय रहता है, जो संविधान की छठीं अनुसूची के अंतर्गत चकमा स्वायत्त जिला परिषद (सीएडीसी) से प्रशासित किया जाता है। यह राज्यपाल की देख-रेख में रहता है।