केंद्रीय टीम ने देखा हाल
राज्य मंत्री ने कहा कि असम में स्थिति की समीक्षा तथा तकनीकी सहायता के लिए केंद्रीय दल ने 30 जून से 10 जुलाई तक असम का दौरा किया। दल ने पाया कि राज्य में जापानी इंसेफेलाइटिस ( Japanese Encephalitis ) का संक्रमण चल रहा था तथा अन्य रोग जैसे टाइपस, लैपटोपीरोसिस का भी संक्रमण था। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने भी इस समस्या के समाधान के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। एईएस के संदिग्ध मामलों तथा जेई के निदान के लिए एलगोरिथम प्रशिक्षण उपचार तथा प्रोटोकोल व विषाणु प्रबंधन का अवलोकन किया गया है।
बचाव के लिए उठाए गए यह कदम
राज्य तथा जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण को तदानुसार परामर्श दिए गए। चौबे ने लिखित जवाब में बताया कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार ( Modi Government ) द्वारा लाजिस्टिक तथा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया है। इनमें 18 सेंटिनल साइट अस्पतालों तथा सर्वोच्च रेफरल प्रयोगशाला का चयन किया गया, जिसके लिए 18 जुलाई 2019 तक 143 जापानी इंसेफ्लाइटिस आईजीएम एलीसा किटों की आपूर्ति की गयी। 10 उच्च प्रभाव वाले जिलों में से 8 में 10 बिस्तरों वाले पेडियाट्रिक आईसीयू की स्थापना हेतु पूंजी प्रदान की गई। आज तक चार पीआईसीयू कार्यरत हैं। असम के दो जिलों में फिजिकल तथा मेडिसिन तथा पुनर्वास (पीएमआर) विभागों के सुदृढ़ीकरण के लिए पूंजी प्रदान की गई है। इन्हें अभी संचालित किया जाना है। नियमित प्रतिरक्षण के रूप में जेई प्रतिरक्षण अभियान के तहत सभी 27 जिलों को कवर किया गया है। किशोर जेई प्रतिरक्षण के तहत 9 जिलों को कवर किया गया तथा राज्य पहल के रूप में 9 जिलों में अतिरिक्त किशोर जेई टीकाकरण आयोजित किया गया।
सरकार देगी 1 लाख सहायता राशि
असम में AES के कहर को देखते हुए सरकार ( Assam Government ) ने कई जरूरी कदम उठाए है। पीड़ित व्यक्ति अगर किसी निजी अस्पताल में इलाज करवाता है तो सरकार की ओर से 1 लाख की सहायता राशि दी जाएगी। बीते दिनों स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा ( Himanta Biswa ) की ओर से यह घोषणा की गई थी।
सितंबर तक डॉक्टरों की छुट्टी रद्य
सरकार की ओर से पीड़ितों को सही इलाज उपलब्ध करवाने के लिए सभी डॉक्टरों, आशा वर्करों तथा नर्सिंग स्टाफ की छुट्टियों पर सितंबर माह तक रोक लगा दी है। यह सभी लोग इस दौरान 15 दिन की केजुअल लीव भी नहीं ले सकेंगे। यदि कोई डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ इस दौरान जबरन अवकाश लेता है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। हालांकि इमरजेंसी हालातों में डिप्टी कमिश्नर की अनुमति से यह सभी अवकाश ले सकेंगे।