80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में
असम में इन दिनों जारी बाढ़ के प्रकोप से 66 जंगली जानवरों की मौत हो गई। काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का 80 फीसदी हिस्सा बाढ़ में डूब गया है। इससे वहां संरक्षित वन्य प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। बाढ़ से राज्य के 30 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ जनित हादसों और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है।
25 जिले बाढ़ की चपेट में
असम में 25 से ज्यादा जिले बाढ़ की चपेट में हैं। 30 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हो गए हैं। टीमें भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं। कुछ जिलों में कुल 9 मौतें हुई है। असम के होजई, धेमाजी, लखीमपुर, विश्वनाथ, सोनितपुर, उदालगुड़ी, दरांग, बक्सा, नलबाड़ी, बारपेटा, चिरांग, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सालमाड़ा, गोलपाड़ा, कामरूप, मोरीगांव, कामरूप महानगर आदि में पानी घुस गया है।
66 जंगली जानवरों की मौत
काजीरंगा पार्क के निदेशक, पी शिवकुमार ने कहा, ‘अब तक, 66 जानवरों की मौत हो चुकी है और 170 जानवरों को अब तक बचाया गया है। बाढ़ जैसी स्थिति में जानवरों के लिए बहुत भारी संकट पैदा हो जाता है। जानवरों के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल असम में हालात को ठीक होने में समय लगेगा। गौरतलब है कि पिछले दिनों बाढ़ प्रभावित वन्य इलाके से एक बाघ के भागने की खबर आई थी जो कि बकरियों के बाड़े में छिप गया था और रात भर उसने बकरियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया था। बाढ़ के पानी से बचने के लिए बाघ और एकसींग वाला गेंडे जंगल छोड़ कर आस-पास के गांवों में चले गए हैं। बाढ़ के हालात के चलते काजीरंगा में यातायात रोक दिया गया है।