अरुणांचल प्रदेश में 6 जंगली सुअरों की मौत
संभागीय वन अधिकारी तासी मिजे के मुताबिक इन जंगली सुअरों के मरने की वजह अफ्रीकन स्वाइन फीवर हो सकता है। उन्होंने बताया कि छह जंगली सूअरों के शव सामुदायिक वन इलाके से मिले हैं। यह इलाका पूर्वी सियांग जिले के मुख्यालय पासीघाट से 20-25 किमी दूर है। मरनेवाले जंगली सूअरों में दो व्यस्क, एक अद्र्ध व्यस्क और तीन बच्चे हैं। हमें आशंका है कि ये सभी एएसएफ के चलते मरे हैं। स्थानीय लोगों ने हमें इसकी सूचना दी थी। इसके बाद तीन वन अधिकारी 10 किमी की पैदल यात्रा के बाद वहां पहुंचे और शवों को बरामद कर उनके नमूने संग्रहित किए। इन नमूनों की जांच नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्यूरिटी एनिमल डिजीजेज लेबोरेटरी में जाएगी। उन्होंने बताया कि इस तरह के शवों को साही खा जाते हैं। साही के इस वायरस से प्रभावित होने के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता।
अन्य जीव-जंतुओं के प्रभावित होने की आशंका नहीं
एएसएफ से अन्य जीव-जंतुओं के भी प्रभावित होने की आशंका नहीं है। वन विभाग ने एएसएफ से प्रभावित इलाकों की पहचान कर ली है। संभागीय वन अधिकारी के मुताबिक हमने सभी संबंधित पक्षों से अनुरोध किया है कि घरेलू शूकर जंगली सूअरों के संपर्क में न आए। साथ ही लोगों से कहा है कि वे जंगली सूअरों का शिकार उनके मांस का सेवन करने के लिए न करे। मालूम हो कि अरुणाचल प्रदेश और असम में पहले से ही घरेलू शूकर एएफएस से मर रहे हैं। जंगली सूअरों के मरने की बात पहली बार सामने आई है। असम में तो स्थिति गंभीर बनी हुई है। अब तक 15000 शूकर एएसएफ से मारे जा चुके हैं। जंगली शूकर इससे प्रभावित न हों इसके लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। गौरतलब है कि चीन ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर से मृत शूकर ब्रह्मपुत्र नदी में बहाए थे। जिससे यह वायरस असम तक पहुंच गया।