बीसी या मेगालिथिक युग की हो सकती हैं हड्डियां
बीएसआई और एएसआई के विशेषज्ञों ने बताया कि यह ख़ोज बीसी या मेगालिथिक युग से जुड़ी हो सकती है। बीएसआई मे प्राचीन डीएनए और जिनैटिक विषय के विशेषज्ञ नीरज राय ने बताया कि इन हड्डियों कि डीएनए और कार्बन समयांकन करने के बाद ही इस ख़ोज के समय की सटीक जानकारी सामने आएगी। हो सकता हैं ये ख़ोज 6 वीं शताब्दी की भी हो ,जैसा की मिट्टी के बड़े बर्तन में शवों को रखकर दफनाने की विधि मेगालिथिक के समय में सामान्य तौर पर प्रचलित थी। कहा जाता हैं कि मेगालिथिक का युग 400 वीं शताब्दी मे खत्म होता है। बर्तन सहित ये हड्डियां जमीन में 10 फीट गहराई में मिली हैं और बर्तन की मिट्टी का संघटन काफी पुराना हैं जिस तरह बर्तन पर प्राकृतिक तरीके से 10 फीट मिट्टी का जमाव हुआ है, उसके हिसाब से तो यह ख़ोज 600 वीं बीसी की हो सकती है।
यह ख़ोज दफनाने की प्राचीन विधि का एक उदाहरण है
दुनिया की विभिन्न जगहों में दफनाने की यह एक सामान्य विधि रही है, जैसे कि बर्तन में शव रखकर दफनाने की विधि जापान, मिस्र, इंडिया, कंबोडिया, सीरिया इत्यादि प्राचीन सभ्यताओं में मौजूद होने के उदाहरण मिले हैं।