सेना भी शामिल
कुएं में लगी आग और बेतहाशा गैस लीक पर काबू पाने के लिए सेना भी इस अभियान में शामिल हो गई है। निकाय प्रशासन की ओर से एक पुल बनाने में सहायता की मांग के बाद यह फैसला लिया गया। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद तथा नॉर्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस ऐंड टेक्नोलॉजी, जोरहट का एक संयुक्त दल बुधवार को तिनसुकिया पहुंच गया जो कंपन रिपोर्ट का अध्ययन करेगा। इसमें तिनसुकिया जिले में डिबू्र-साईखोवा राष्ट्रीय उद्यान तथा पक्षियों के वास मागुरी मोटापुंग बील समेत गैस कुएं के नजदीक के इलाकों में पर्यावरण तथा पारिस्थितिकी सर्वे किया जाएगा। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में काम करने वाला संगठन टेरी वायु गुणवत्ता तथा ध्वनि के स्तर पर शोध करेगा।
पुल बनाने का अनुरोध
किसी भी अप्रिय घटना को टालने और जान माल के नुकसान को रोकने के लिए कंपनी ने डेढ़ किलोमीटर के आसपास को ‘रेड जोन’ घोषित किया है। घटना को लेकर ऑयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है और कंपनी का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि बंद और प्रदर्शन के कारण पिछले 22 दिन में 61&2 मिट्रिक टन क’चा तेल और 7.97 एमएमएससीएम प्राकृतिक गैस का उत्पादन प्रभावित हुआ है। कंपनी ने कहा कि आग बुझाने के वास्ते कुएं के पास एक पुल बनाने के लिए सामान लाया जा रहा है। हालांकि, कुआं के घेरे में आग नहीं लगी है । कुएं से सटे एक जल क्षेत्र पर 150 मीटर लंबा पुल बनाने के लिए सेना की सेवा का अनुरोध किया गया है।