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असम को कोई भी विदेशी खतरे में नहीं डाल सकताः सोनोवाल

locationगुवाहाटीPublished: Feb 12, 2019 08:50:39 pm

विधेयक को लेकर अभी भी विरोध जारी है,इससे केंद्र व राज्य की बीजेपी सरकार की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है…
 

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राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने आज(मंगलवार) को कहा कि असम के जातीय जीवन को कोई विदेशी खतरे में डाल नहीं सकता। असम को कोई विदेशी दखल नहीं कर सकता। इसलिए किसी के मन में ऐसी शंका है, तो उसे ऐसी शंका छोड़ देनी चाहिए। डिब्रुगढ़ में सोनोवाल कछारी स्वशासी परिषद के नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ समारोह में सोनोवाल ने कहा कि असम में भाजपा नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार जब तक है, तब तक असम पूरी तरह से सुरक्षित है। किसी भी स्थिति में सरकार असमिया की माटी-नींव, कला-संस्कृति, रीति-नीति और भाषा साहित्य को नुकसान होने नहीं देगी। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि कुछ लोग जो गलत प्रचार कर रहे हैं, उस पर भरोसा न करते हुए तर्क के आधार पर निर्देशित होने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य के 3 करोड़ 30 लाख लोग मिलकर काम करे तो कोई भी शक्ति असम को हरा नहीं सकती।

 

उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता की सरकार है। सरकार सभी की सेवा कर रही है। इसमें सरकार का कोई षड्‌यंत्र नहीं है। जनता से कोई भी विषय छिपाया नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि काफी हद तक भ्रष्टाचार रोका गया है और काफी रोकना होगा। उधर प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली में नार्थ ईस्ट स्टूडेंटस आर्गेनाइजेशन(नेसो) और अखिल असम छात्र संघ (आसू )लगातार विधेयक विरोधी अभियान जारी रखे हुए है। भाजपानीत केंद्र सरकार ने आज राज्यसभा में इस विधेयक को पेश करने का मन बनाया था। राज्यसभा की आज की कार्यसूची में इसे शामिल भी किया गया था। इसको देखते हुए आसू व नेसो के प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक के खिलाफ शुरू से ही कठोर रूप को अपनाने वाले मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड सांग्मा के साथ दिल्ली में विस्तार से लंबी बातचीत की। इसी बातचीत में राज्यसभा में वोट रहने वाले पार्टियों से विधेयक के खिलाफ वोट देने के लिए रणनीति बनाई गई।

 

आसू और नेसो के प्रतिनिधिमंडल ने मेघालय के मुख्यमंत्री को उनके पूर्वोत्तर के सभी क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर अपनाए गए रवैये के लिए धन्यवाद देते हुए उनके नेतृत्व में आगे बढ़ने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री सांग्मा ने अन्य राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करने की बात कही।

 

नेसो के नेतृत्व ने राज्यसभा के सभी विपक्षी दलों, जनता दल (यू), शिवसेना समेत सभी विपक्षी दलों के नेतृत्व से बातचीत कर विधेयक के खिलाफ वोट करने के लिए अनुरोध किया। यह अभियान जारी है। प्रतिनिधिमंडल ने अकाली दल के वरिष्ठ नेता नरेश गुजराल से भी मुलाकात की और असम व पूर्वोत्तर को बचाने के लिए पार्टी का समर्थन मांगा है।


गुजराल ने कहा कि अकाली दल पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों के प्रति सहानुभूतिशील है। असम समझौते का पार्टी सम्मान करती है। इस बातचीत में अब्सू के अध्यक्ष प्रमोद बोड़ो और अखिल असम ट्राइबल संघ के महासचिव आदित्य खाकलारी ने भी हिस्सा लिया। आसू और नेसो का प्रतिनिधिमंडल विभिन्न राजनीतिक दलों से अब भी बातचीत जारी रखे हुए है। जनता दल (यू) के नेता केसी त्यागी तथा अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से आज रात मुलाकात की जाएगी। नेसो नेतृत्व ने कहा कि विदेशी समस्या और जाति को ध्वंस करने वाला नागरिकता संशोधन विधेयक मामला देश की समस्या है। पूर्वोत्तर की रक्षा के लिए राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों को विधेयक का विरोध करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। साथ ही केेंद्र सरकार को चेतावनी दी कि जोरजबर्दस्ती विधेयक मत थोपीए। विधेयक को थोप कर पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों को देश से मानसिक रूप से दूर मत कीजिए।

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