उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता की सरकार है। सरकार सभी की सेवा कर रही है। इसमें सरकार का कोई षड्यंत्र नहीं है। जनता से कोई भी विषय छिपाया नहीं जा रहा है। उन्होंने कहा कि काफी हद तक भ्रष्टाचार रोका गया है और काफी रोकना होगा। उधर प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ नई दिल्ली में नार्थ ईस्ट स्टूडेंटस आर्गेनाइजेशन(नेसो) और अखिल असम छात्र संघ (आसू )लगातार विधेयक विरोधी अभियान जारी रखे हुए है। भाजपानीत केंद्र सरकार ने आज राज्यसभा में इस विधेयक को पेश करने का मन बनाया था। राज्यसभा की आज की कार्यसूची में इसे शामिल भी किया गया था। इसको देखते हुए आसू व नेसो के प्रतिनिधिमंडल ने विधेयक के खिलाफ शुरू से ही कठोर रूप को अपनाने वाले मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड सांग्मा के साथ दिल्ली में विस्तार से लंबी बातचीत की। इसी बातचीत में राज्यसभा में वोट रहने वाले पार्टियों से विधेयक के खिलाफ वोट देने के लिए रणनीति बनाई गई।
आसू और नेसो के प्रतिनिधिमंडल ने मेघालय के मुख्यमंत्री को उनके पूर्वोत्तर के सभी क्षेत्रीय पार्टियों को लेकर अपनाए गए रवैये के लिए धन्यवाद देते हुए उनके नेतृत्व में आगे बढ़ने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री सांग्मा ने अन्य राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करने की बात कही।
नेसो के नेतृत्व ने राज्यसभा के सभी विपक्षी दलों, जनता दल (यू), शिवसेना समेत सभी विपक्षी दलों के नेतृत्व से बातचीत कर विधेयक के खिलाफ वोट करने के लिए अनुरोध किया। यह अभियान जारी है। प्रतिनिधिमंडल ने अकाली दल के वरिष्ठ नेता नरेश गुजराल से भी मुलाकात की और असम व पूर्वोत्तर को बचाने के लिए पार्टी का समर्थन मांगा है।
गुजराल ने कहा कि अकाली दल पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों के प्रति सहानुभूतिशील है। असम समझौते का पार्टी सम्मान करती है। इस बातचीत में अब्सू के अध्यक्ष प्रमोद बोड़ो और अखिल असम ट्राइबल संघ के महासचिव आदित्य खाकलारी ने भी हिस्सा लिया। आसू और नेसो का प्रतिनिधिमंडल विभिन्न राजनीतिक दलों से अब भी बातचीत जारी रखे हुए है। जनता दल (यू) के नेता केसी त्यागी तथा अन्य पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से आज रात मुलाकात की जाएगी। नेसो नेतृत्व ने कहा कि विदेशी समस्या और जाति को ध्वंस करने वाला नागरिकता संशोधन विधेयक मामला देश की समस्या है। पूर्वोत्तर की रक्षा के लिए राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पार्टियों को विधेयक का विरोध करने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया है। साथ ही केेंद्र सरकार को चेतावनी दी कि जोरजबर्दस्ती विधेयक मत थोपीए। विधेयक को थोप कर पूर्वोत्तर के स्वदेशी लोगों को देश से मानसिक रूप से दूर मत कीजिए।