उन्होंने कहा कि वर्तमान की राज्य सरकार असम की जनता के भारी समर्थन से गठित हुई है। इसलिए वह जनता के हितों की सुरक्षा के लिए अपना सर्वोपरि देगी। राज्य के स्वदेशी लोगों के भूमि के अधिकार की सुरक्षा होने से उनका हित सुरक्षित होगा, ऐसा सरकार को पूरा भरोसा है। इसी उद्देश्य के साथ सरकार ने सत्रों की अतिक्रमण की गई जमीन को वापस पाने के लिए कठोर कदम उठाये हैं।
प्रस्तावित नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर पैदा हुए संशय का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के 33 जिलों की जनता की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह वचनबद्ध है। इसके लिए सरकार ने कोई चीज छिपाकर नहीं रखी है। इसी के तहत अवैध घुसपैठ की समस्या को स्थायी रूप से हल करने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा की कंटीली बाड़ का निर्माण कार्य पूरा कर
सीमाई इकाई की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर सरकार बल दे रही है। राज्य के जनता की आर्थिक, सामाजिक स्थिति को बेहतर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने कुछ योजनाएं शुरू की है। पिछले साठ साल में पूर्व की सरकारों ने ब्रह्मपुत्र पर सिर्फ तीन पुल बनाए, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने चार साल, पांच महीने की कार्यकाल में इतने ही पुल ब्रह्मपुत्र पर बनाए हैं।
मुख्यमंत्री ने बीटीसी प्रमुख हग्रामा महिलारी का धन्यवाद करते हुए कहा कि एक समय इलाका आतंक का पर्याय था और अब यह इलाका शांति, विकास का केंद्र है। कार्यक्रम में बीटीसी प्रमुख हग्रामा महिलारी ने कहा कि इस तरह के एक आधुनिक शिक्षा संस्थान की स्थापना के लिए स्कूल संचालन समिति को धन्यवाद देता हूं। छह जनगोष्ठियों को जनजाति का दर्जा देने से फिलहाल जिन्हें यह मिला हुआ है, उनके अधिकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। कार्यक्रम में मंत्री चंदन ब्रह्म ने भी विचार रखे। नॉर्थ ईस्ट मिलिट्री स्कूल नागपुर और नासिक के बाद यहां स्थापित की गई है।