रसोई में घुस गया बाघ
दो बाघों में से एक ने राजमार्ग पर पार किया और प्रबीन बोरा के बाढ़ में डूबे आंगन में शरण ले ली। बाघ पौधों के पीछे छिप गया था। पानी में केवल सिर और उसकी पीठ दिखाई दे रही थी। जंगल के लोगों ने इसका पीछा करने की पूरी कोशिश की। उन्होंने हवा में कुछ राउंड फायर किए, दिन में दूसरी बार पटाखे फोडऩे की भी कोशिश की गई लेकिन बाघ बेकाबू हो गया। बाढ़ के पानी के कारण रसोई घर का दरवाजा आधाखुला था, बाघ उसमें घुस गया। वन रक्षकों को सूचित किया राजमार्ग पर गश्त कर रहे थे।
बाघ को किया ट्रेंकुलाइज
कुछ पटाखे फोड़े गये और छत के ऊपर से लंबे डंडे के सहारे बाघ को दूर भगाने की कोशिश की गई थी। बाघ अड़ा रहा। रसोई संभवत: खुद को बचाने के लिए सबसे अच्छी जगह थी। बाढ़ के पानी और भीड़ दोनों से अपने बचाव के लिए। कोई अन्य विकल्प नहीं बचा देखकर वनकर्मियों ने इसे ट्रांक्वेलाइज करने का फैसला किया। गन से एक डार्ट मारी। शॉट निशाने पर लगा और अगले आधे घंटे में किशोर बाघ बेहोश हो गया। बचाव अभियान सात घंटे तक चला।
170 जानवरों को बचाया
असम में बाढ़ से बाघ ही नहीं विश्वप्रसिद्ध एक सींग वाला गेंडा सहित अन्य वन्यजीवों का जीवन भी खतरे में है। बाढ़ से काजीरंगा नेशनल पार्क का 80 प्रतिशत हिस्सा डूब गया है। इससे वहां संरक्षित वन्य प्रजातियों के अस्तित्व पर संकट आ गया है। बाढ़ के कहर से अब तक 170 जानवरों को बचाया गया है। बाढ़ जैसी स्थिति में जानवरों के लिए बहुत भारी संकट पैदा हो गया है। जानवरों के लिए भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल असम में हालात को ठीक होने में समय लगेगा।
हो चुकी हैं 102 मौतें
असम में बाढ़ के कारण पांच और लोगों की मौत हो गई जबकि पूरे प्रदेश के 28 जिलों में 36 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस साल प्रदेश में बाढ़ एवं भूस्ख्लन से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 102 हो गई है। प्रदेश में बाढ़ संबंधी घटनाओं में 75 लोगों की मौत हो गई थी जबकि भूस्खलन में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बुलेटिन में कहा है कि असम के धुबरी, दरांग, बोंगईगांव, गोलपाड़ा एवं कामरूप जिलों में एक एक व्यक्ति की मौत हुई है। इसमें कहा गया है कि गुरुवार को प्रदेश के 33 जिलों में से 27 जिलों के 39.8 लाख लोग इस जल प्रलय के कारण प्रभावित हुए थे।