100 विदेशी न्यायाधिकरण पहले से स्थापित
31 जुलाई को राष्ट्रीय नागरिक पंजी ( Assam NRC ) का फाइनल प्रकाशन आना है। एनआरसी ( NRC ) में जिनके नाम नहीं होंगे वे विदेशी न्यायाधिकरण ( Foreigners Tribunals ) में जाकर अपने कागजातों के आधार पर दावा कर सकेंगे। अधिकारियों को लगा कि इतने विदेशी न्यायाधिकरण एक साथ स्थापित करने संभव नहीं है इसलिए पहले चरण में 200 स्थापित करने का फैसला किया। मालूम हो कि राज्य में पहले से सौ विदेशी न्यायाधिकरण काम कर रहे हैं। ये सीमा पुलिस द्वारा सौंपे गए मामलों में फैसला करते हैं कि व्यक्ति विदेशी है या नहीं।
चरणों में होगी स्थापना
अधिकारी ने बताया कि हमें एक हजार विदेशी न्यायाधिकरण स्थापित करने थे। लेकिन इन्हें एक झटके में स्थापित करना मामूली बात नहीं है। इन्हें चरणों में ही स्थापित किया जा सकता है। इसलिए हम पहले चरण में एक सितंबर तक 200 विदेशी न्यायाधिकरण स्थापित करेंगे। दूसरे चरण में और दो सौ स्थापित किए जाएंगे। हमने पहले दो सौ स्थापित करने के लिए प्रक्रिया शुरु कर दी है।
इलेक्ट्रानिक विदेशी न्यायाधिकरण मिशन निदेशालय गठित ( Electronic Foreign Tribunal Mission Director )
नए विदेशी न्यायाधिकणों को स्थापित करने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रानिक विदेशी न्यायाधिकरण मिशन निदेशालय ( E-FTMD ) का गठन किया है। हमने आईपीएस अधिकारी आनंद प्रकाश तिवारी को इस निदेशालय का मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किया है। यह निदेशालय नए विदेशी न्यायाधिरणों की स्थापना के लिए जरुरी होने वाले कार्यबल, लॉजिस्टिक और अन्य जरुरतों को देखेगा। इस बीच कुछ विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं।
दो साल का लग सकता है समय
एक सवाल के जवाब में अधिकारी ने बताया कि पूरे एक हजार की स्थापना को पूरा करने के लिए दो साल लग जाएंगे। जैसे ही एनआरसी का फाइनल प्रकाशन होगा असम सरकार सीमा पुलिस के जरिए इसमें नाम न रहने वाले लोगों के नाम विदेशी न्यायाधिकरण को भेजेगी। एनआरसी तय नहीं कर सकती कि कोई विदेशी है या नहीं।विदेशी न्यायाधिकरण ही तय करेंगे कि कौन विदेशी है और कौन भारतीय है। अधिकारी ने बताया कि हम एनआरसी में नाम न रहनेवाले लोगों के नाम धीरे-धीरे विदेशी न्यायाधिकरणों को भेजेंगे।