गुवाहाटी

असम सरकार बजट का सिर्फ 60 प्रतिशत खर्च कर पाई,सकल घरेलू उत्पाद में भी दो सालों से गिरावट

मंत्री ने बताया कि…

गुवाहाटीSep 25, 2018 / 08:30 pm

Prateek

assam cm

(पत्रिका ब्यूरो,गुवाहाटी): असम सरकार बजट में घोषित राशि का 60 प्रतिशत हिस्सा ही खर्च कर पाई है। साथ ही सकल घरेलू उत्पाद की दर पिछले दो वित्तीय सालों में वर्ष 2015-16 की तुलना में काफी कम हो गई है।


कांग्रेस विधायक अब्दुल खालेक के एक लिखित सवाल के जवाब में वित्त विभाग के मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने असम विधानसभा में मंगलवार लिखित जवाब देते हुए कहा कि वर्ष 2017-18 में बजट में विकास के कार्यों के लिए कुल 48,18,990.12 लाख निर्धारित किए थे। इसके विपरीत लगभग 25,61,983.19 लाख रुपए खर्च हुए है। इसके बारे में डॉ. शर्मा ने सफाई दी है कि वित्त विभाग पिछले दो सालों से बजट में निर्धारित राशि का पर्याप्त खर्च करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाता आया है। फिर भी संबंधित विभागों द्वारा समय पर रकम जारी करने का प्रस्ताव न मिलने के चलते 2017-18 के बजट में निर्धारित राशि का पूरा खर्च नहीं किया जा सका।


उन्होंने कहा है कि इसकी वजह है सीएसएस, ईएपी योजना के लिए जरूरत से ज्यादा राशि बजट में निर्धारित की गई थी। तृणमूल स्तर पर विकास के कार्यों को करने में दिक्कत आने की एक प्रमुख वजह वर्ष 2017 में राज्य में आयी भयंकर बाढ़ है। इसके चलते प्रशासनिक और विकास के कार्यों की गति धीमी हो गई। इन सब चुनौतियों के बाद भी वर्ष 2017-18 में संबंधित विभागों द्वारा सर्वाधिक खर्च कर राज्य के वित्तीय इतिहास में एक रिकार्ड बनाया गया।


मंत्री ने बताया कि वर्ष 2017-18 में विभिन्न स्रोतों से संग्रहित राजस्व में टैक्स से 33,26,541.42 लाख, गैर टैक्स राजस्व 4,07,178.12 लाख और सहायता मंजूरी 14,44,854.99 लाख अर्थात कुल 51,78,574.53 लाख संग्रहित हुए। वहीं सकल घरेलू उत्पाद चालू दर अनुसार वर्ष 2014-15 में 10.11 प्रतिशत, 2015-16 में 16.47 प्रतिशत, 2016-17 में 11.57 प्रतिशत और 2017-18 में 11.59 प्रतिशत थी। स्थिर मूल्य (आधार वर्ष 2011-12) के अनुसार वर्ष 2014-15 में 6.91 प्रतिशत, वर्ष 2015-16 में 15.67 प्रतिशत, वर्ष 2016-17 में 5.07 प्रतिशत और वर्ष 2017-18 में 6.95 प्रतिशत थी।


वहीं अगप के विधायक रमेंद्र नारायण कलिता के एक लिखित सवाल के जवाब में वित्तमंत्री ने लिखित जवाब देते हुए बताया कि वर्ष 2017-18 में केंद्र सरकार से जीएसटी के अधीन मुआवजे के तौर पर 980 करोड़ रुपए मिले हैं। वहीं 2018-19 वित्तीय वर्ष में अगस्त तक कुल 467 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में मिले हैं। इसके अलावा 464 करोड़ रुपये आईजीएसटी के तौर पर मिले हैं। एसजीएसटी के अधीन कर विभाग ने वर्ष 2017-18 में 4077.05 करोड़ रुपए संग्रह किए हैं। वहीं वर्ष 2018-19 में अगस्त तक कर विभाग ने एसजीएसटी के अधीन 3,479.82 करोड़ रुपये संग्रह किए हैं।

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.