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सिंडिकेट चलाने वालों पर असम सरकार कर रही सख्त कार्रवाई

locationगुवाहाटीPublished: Jun 24, 2019 08:37:26 pm

असम सरकार ( Assam Government ) ने सिंडिकेट के खिलाफ सख्त रवैया इख्तियार कर लिया है, सरकार का कहना है कि अब किसी को बख्शा नहीं जाएगा…

Assam Government

Assam Industries Minister Chandra Mohan Patowary speaking to Media

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): राज्य सरकार ( Assam Government ) ने आज स्पष्ट किया कि सिंडिकेट की जो भी खबरें आ रही है उस पर सरकार त्वरित कार्रवाई कर रही है। पिछले वित्तीय वर्ष में कोयला लदी तीन सौ ट्रकों के साथ सौ लोग गिरफ्तार किये गये। वहीं इस महीने तस्करों के हाथों से 450 गायें बरामद करने के साथ ही 55 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कल ही गौ तस्कर माफिया सरफराज को बिहार के गोपालगंज से गिरफ्तार किया गया है।


नगांव से कांग्रेस के सांसद प्रद्युत बरदलै के सिंडिकेट पर मुख्यमंत्री कार्यालय को समेटते हुए लगाए गये आरोपों का जवाब देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता तथा उद्योग व वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ( Chandramohan Patwari ) ने यह जानकारी दी। उनके साथ मुख्यमंत्री ( Sarbananda Sonowal ) के मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी और विधि सलाहकार शांतनु भराली भी मौजूद थे।


पटवारी ने कहा कि वे सांसद बरदलै के सवालों का जवाब नहीं दे रहे हैं, बल्कि राज्य की जनता के सामने असली हकीकत रख रहे हैं। कांग्रेस शासनकाल में राज्य में 150 अवैध चेकगेटें चल रही थीं। मार्घेरिटा में कोयले का अवैध खनन हो रहा था। बरदलै गृह के अलावा राज्य के उद्योग व वनमंत्री भी रहे हैं। उन्होंने कुछ नहीं किया। लेकिन सोनोवाल सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट में सिंडिकेटों को बंद करने के लिए कदम उठाए और सभी गेटों को बंद कर दिया।


पटवारी ( Chandramohan Patwari ) ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिंडिकेटों की जांच के लिए सीबीआई को पत्र लिखा था। सीआईडी की जांच भी चल रही है। इसके अलावा राज्य स्तरीय निगरानी सेल का भी गठन किया गया है। इसके अध्यक्ष राज्य के गृह विभाग के आयुक्त सचिव आशुतोष अग्निहोत्री हैं। मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के दिनों में भ्रष्टाचार का बोलबाला था। समाज कल्याण विभाग में सात लाख बच्चों के नाम फर्जी लिखे गये थे। राशन कार्ड 3.5 लाख और मनरेगा के जॉब कार्ड 4.5 लाख सोनोवाल सरकार के शासन में रद्द किये गये। जब सांसद बरदलै राज्य के ऊर्जा मंत्री थे तो एक ही मीटर दो अलग-अलग अधिक दरों पर खरीदे गये थे। बिजली की आपूर्ति 50 हजार बांस के खूंटों पर की गयी। इसके चलते राज्य में करंट लगने से कई लोग मरे।

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