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बोर्ड ने कहा है कि असम में रहने वाले बंगाली हिंदू दुल्हनें या दूल्हे असमिया दुल्हन या दूल्हे से शादी करते हैं तो उन्हें यह आर्थिक मदद प्रदान की जाएगी। बोर्ड के चेयमैन आलोक कुमार घोष ने कहा कि अलग समुदाय में विवाह करने वाले दंपती को अक्सर संपत्ति से बेदखल कर दिया जाता है। इसके अलावा उनका सामाजिक रूप से बहिष्कार का भी सामना करना पड़ता है। हमारी कोशिश है कि इस तरह के दंपती को दुकान, ब्यूटी पार्लर खोलने के साथ ही खेती किसानी करने में भी मदद की जाए। इस प्रस्ताव को राज्य सरकार के समक्ष दो दिन पहले पेश किया गया था। इसके लिए एक वेबसाइट भी डिजाइन कर दी गई है, जहां पर बंगाली-असमिया हिंदू दंपती अपनी जानकारी ऑनलाइन पंजीकृत करा सकते हैं।
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घोष ने दावा किया कि इस पहल से खुशहाली बढ़ेगी वहीं, अखिल असम अल्पसंख्यक छात्र संघ ने इसे विभाजनकारी बताया और बोर्ड पर धार्मिक ध्रुवीकरण का प्रयास करने का आरोप लगाया।अखिल असम बंगाली युवा छात्र संघ के अध्यक्ष सम्राट भुवाल ने कहा कि उनका संगठन बंगालियों और असमियों के बीच अविश्वास को दूर करने के लिए पहल करेगा।