असम में राज्यसभा की दो सीटें हैं। बीते दिनों दो सीटों के लिए बीजेपी और उसकी सहयोगी असम गण परिषद के एक-एक उम्मीदवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया था। निर्वाचन अधिकारी अमरेंद्र डेका ने नाम वापस लेने की अवधि समाप्त होने के बाद बीजेपी के कामख्या प्रसाद तासा और असम गण परिषद के वीरेंद्र प्रसाद बैश्य को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया। बता दें कि असम विधानसभा की 126 में से कांग्रेस के पास सिर्फ 26 सीट हैं। एआईयूडीएफ की 13 सीट हैं। यह दोनों सीट मनमोहन सिंह और एस कुजूर का कार्यकाल खत्म होने से खाली हुई हैं।
असम के अलावा नौ अन्य सीटों पर चुनाव होना है। ओडिशा की 4, तमिलनाडु से एक, बिहार और गुजरात में 2-2 सीटे के लिए भी चुनाव होगा। इनमें से सिर्फ गुजरात में ही कांग्रेस की एक सीट जीतने की उम्मीद है। मनमोहन सिंह पिछली बार 2013 में राज्यसभा के लिए चुने गए थे। नई सरकार का बजट सत्र इस बार 17 जून से शुरू होने वाला है।
बता दें कि असम में अब भी कांग्रेस के चार राज्यसभा सांसद हैं। इनमें से भुबनेश्वर कलिता और डॉ. संजय सिन्ह का कार्यकाल 4 अप्रैल 2020 को खत्म होगा। इस दिन बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट पार्टी के बिश्वजीत डैमेरी का कार्यकाल भी खत्म हो रहा है। विधानसभा में सदस्यता को देखते हुए संभावना है कि कांग्रेस के पास से यह सीटें छिन सकती हैं। इस बार कोई पूर्व प्रधानमंत्री बजट सत्र में मौजूद नहीं रहेगा। मनमोहन सिंह का कार्यकाल खत्म हो गया है और एचडी देवेगौड़ा तुमकुर सीट से लोकसभा चुनाव हार गए थे। देवेगौड़ा जून 1996 से अप्रैल 1997 और मनमोहन 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन ने 10 साल उच्च सदन में अगुआई की और 6 साल विपक्ष के नेता भी रहे थे। आखिरी बार 2013 में राज्यसभा सदस्य चुने गए थे।