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असम में लॉकडाउन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, सरकार ने उठाए सख्त कदम

locationगुवाहाटीPublished: Mar 27, 2020 08:29:42 pm

Submitted by:

Prateek

Assam News: मालूम हो कि कल राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने तेजपुर में कहा था कि सब्जी, फलमूल, मांस और मछली की दुकानें खुली रहेगी…

असम में लॉकडाउन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, सरकार ने उठाए सख्त कदम

असम में लॉकडाउन के दौरान बाजारों में उमड़ी भीड़, सरकार ने उठाए सख्त कदम

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम में 21 दिन के लॉकडाउन के तीसरे दिन शुक्रवार को राज्य के बाजारों में उमड़ी भीड़ के बाद राज्य के मुख्य सचिव कुमार संजय कृष्ण ने तुरंत आदेश जारी किया कि 31 मार्च तक कोई बाजार या साप्ताहिक हाट नहीं खुलेंगे। सिर्फ किराने और फार्मेसी की दुकान खुली रहेंगी। किराने की दुकान में ही सब्जी, दूध, पानी उपलब्ध कराने को कहा गया है।


मालूम हो कि कल राज्य के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने तेजपुर में कहा था कि सब्जी, फलमूल, मांस और मछली की दुकानें खुली रहेगी। इसके बाद सुबह ही दुकानें खुली तो लोगों की भीड उमड़ी। राज्य के खाद्य व आपूर्ति विभाग ने भी गुवाहाटी के निर्धारित स्थानों पर सब्जी मिलने की बात कही थी। सोशल डिस्टेशिंग न माने जाने के कारण सख्ती बरती गई।


उधर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ.हिमंत विश्व शर्मा ने कहा कि शनिवार से गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल को तीन सेवाओं को छोड़कर अगले 48 घंटे में बंद कर इसे कोरोना वायरस के अस्पताल के रुप में बदल दिया जाएगा। इसमें 2500 कोरोना वायरस से प्रभावित रोगियों को रखा जा सकेगा।


उल्लेखनीय है कि अब तक असम में एक भी कोरोना वायरस का मामला सामने नहीं आया है।लेकिन तैयारियां युद्धस्तर पर की जा रही है। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले रोगियों के लिए गुवाहाटी के 36 प्राइवेट अस्पतालों के साथ करार किया गया है।ये अस्पताल अटल अमृत और आयुष्मान भारत के तहत सभी रोगियों का इलाज करेंगे। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सिर्फ कैंसर, प्रसूति और आपताकालीन विभाग चलते रहेंगे। डॉ.शर्मा ने कहा कि अगले दो दिनों में डिब्रुगढ़ के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सिल्चर मेडिकल कॉलेज अस्पताल को भी कोरोना वायरस अस्पताल में तब्दील कर दिया जाएगा। इससे राज्य में लगभग पांच हजार कोरोना वायरस के रोगियों को रखने का इंतजाम हो जाएगा।


मंत्री ने कहा कि सेवानिवृत डॉक्टरों की सेवाएं इस कार्य के लिए नहीं लेंगे क्य़ोंकि वे कोरोना वायरस के चपेट में उम्र के चलते जल्द आ सकते हैं। इसके बदले एमबीबीएस के फाइनल ईयर के विद्य़ार्थियों और नर्सिंग की फाइनल छात्राओं को इस कार्य में प्रशिक्षित कर मेडिसन विभाग के तहत कार्य कराया जाएगा। साथ ही राज्य में पांच तीन-तीन सौ बेड के अस्थाई अस्पताल अगले दो महीनों में तैयार किए जाने का प्रयास शुरु हो गया है।

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