scriptसरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार | Assam News: NDFB S Ready To Join Peace Implement Process | Patrika News

सरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार

locationगुवाहाटीPublished: Jan 13, 2020 04:16:27 pm

Submitted by:

Prateek

Assam News: असम के खूंखार उग्रवादी संगठन (National Democratic Front Of Bodoland) ने NDFB (S) शांति बहाली की प्रक्रिया में हिस्सा लेने का मन बना लिया है, यह (Assam News) अपने (North East News) आप में (Assam News In Hindi) बड़ी (Assam Government) उपलब्धि है…

सरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार

सरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम से एक अच्छी खबर है। खूंखार प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड संगबीजित गुट (एनडीएफबी-एस) ने शांति प्रक्रिया में हिस्सा लेने की इच्छा जताई है। संगठन के चैयरमैन समेत सभी सदस्य म्यांमार स्थित अपने शिविरों से भारत लौटे हैं। बताया जा रहा है कि संगठन का चैयरमैन काफी समय से केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ संपर्क में था। उसने वार्ता के लिए आने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद वे लौट आए हैं।

 

यह भी पढ़ें

गिरिडीह: CAA के समर्थन में निकली तिरंगा यात्रा पर भारी पथराव, तनावपूर्ण हुआ माहौल

 

भारत आ रहे NDFB (S) के सदस्य…

म्यांमार से एनडीएफबी (एस) के सदस्यों के आने का सिलसिला रविवार की रात शुरु हुआ। वे कई गुटों में वापस लौटे हैं और भी कई आ रहे हैं। अब तक संगठन के चैयरमैन बी शवराईग्वरा समेत 40 सदस्य भारत में प्रवेश कर चुके हैं। हथियार डालने के बाद इन्हें सुरक्षति स्थानों को ले जाया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने इनके रखने के स्थान के बारे में जानकारी देने से इंकार करते हुए कहा कि इन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। ये शांति प्रक्रिया के शुरु न होने तक सुरक्षित स्थानों पर रहेंगे। यह अब तक पता नहीं चल पाया है कि संगठन का और एक खूंखार सदस्य जी बिदाई शांति प्रक्रिया में हिस्सा लेगा या नहीं। वह भारत-भूटान सीमा के किसी स्थान पर बताया गया है।

 

यह भी पढ़ें

इस महीने कम नहीं होगी सर्दी और परेशानी, मौसम विभाग की बड़ी भविष्यवाणी

जब तक हिंसा तब तक बात नहीं…

 

सरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार

एनडीएफबी (एस) पूर्वोत्तर के उग्रवादी संगठनों का एक हिस्सा है। इनका आत्मसमर्पण पूर्वोत्तर के उग्रवादी गुट के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। इसके बाद पूर्वोत्तर के बड़े उग्रवादी संगठनों में सिर्फ यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) का वार्ता विरोधी गुट ही बच जाएगा। वैसे पहाड़ी जिलों में कुछ छोटे मोटे उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। भाजपानीत सरकार ने यह कठोर नीति अपना रखी है कि जब तक वे हिंसा करेंगे तब तक उनसे कोई बात नहीं होगी। इसके चलते एनडीएफबी (एस) ने हथियार डालते हुए बातचीत में आने का फैसला किया।

यह भी पढ़ें

उत्तराखंड: घर के लिए निकले छात्र बर्फ में फंसे, दुर्गम रास्ते होते हुए बचाने पहुंची SDRF और फिर…

 

म्यांमार में गहराया संकट…

सरकार की जीरो टोलरेंस नीति आई काम, खूंखार उग्रवादी संगठन शांति वार्ता करने को तैयार
सुरक्षाबलों की फाइल फोटो IMAGE CREDIT:

फिलहाल एनडीएफबी के दो गुट पहले ही सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहे हैं। अब एनडीएफबी (एस) के वार्ता में आने से एक पूरक हल निकलेगा। मालूम हो कि पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी संगठन म्यांमार को काफी लंबे समय से सुरक्षित इलाके के रुप में इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन पिछले साल की शुरुआत में म्यांमार सेना ने इनके खिलाफ अभियान छेड़ा तो इन्हें भागना पड़ रहा है। म्यांमार के टागा इलाके के अनेक उग्रवादी शिविरों पर म्यांमार की सेना ने कब्जा कर लिया है। इसके बाद वहां से उग्रवादी भागकर अन्य गांव और जंगलों में चले गए। शांति प्रक्रिया में एनडीएफबी एस को लाने की बात खुद बीटीसी व बीपीएफ प्रमुख हग्रामा महिलारी ने कही है। उन्होंने कहा कि वे मध्यस्थता कर रहे हैं।

 

यह भी पढ़ें

शातिर तरीके से देने वाले थे सुरक्षाबलों को चकमा, DSP और 2 आतंकी गिरफ्तार, हुए कईं खुलासे


उल्लेखनीय है कि बीपीएफ बीटीसी की सत्ता में होने के साथ ही राज्य की भाजपानीत सरकार में शामिल है। जल्द ही बीटीसी के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में एनडीएफबी एस का मुख्यधारा में लौटना बीपीएफ के लिए फायदेमंद हो सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो