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इन यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया ऐलान…
सीएए के खिलाफ बंद का आह्वान करने वाले विश्वविद्यालयों में गौहाटी विश्वविद्यालय, डिब्रुगढ़ विश्वविद्यालय, नार्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी, तेजपुर विश्वविद्यालय, असम महिला विश्वविद्यालय, असम कृषि विश्वविद्यालय, नगालैंड विश्वविद्यालय, राजीव गांधी विश्वविद्यालय और जोरहाट के नेरिस्ट के छात्र शामिल हैं।
वहीं असम के बुद्धिजीवि, लेखक, फिल्मकार ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र लिखकर राज्य में शांति स्थापित करने के मद्देनजर सीएए पर फैसला देने का अनुरोध किया है। इस पत्र में इन प्रबुद्ध लोगों ने लिखा है कि विदेशियों को नागरिकता देना राज्य के संसाधनों पर बड़ा प्रभाव डालेगा। स्थानीय आबादी पर इसका प्रभाव पड़ेगा। पत्र में आगे लिखा गया है कि स्थिति की भयावहता इस बात से लगाई जा सकती है कि भारत में जनसंख्या का घनत्व 375 प्रति वर्ग किमी है वही यह असम में यह 400 हो गया है। प्रबुद्ध नागरिकों ने पत्र में आगे कहा है कि जब लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई सरकार लोगों की चिंताओं की अनदेखी कर देती है तब लोगों का गुस्सा फूट पड़ता है।इसलिए हम आपके हस्तक्षेप की आशा करते हैं।
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इन लोगों ने किया हस्ताक्षर…
पत्र में हस्ताक्षर करनेवाले लोगों में विशिष्ट साहित्यकार डॉ.हिरेन गोहाईं, होमेन बरगोहाईं, डॉ.नगेन सैकिया, इंदिवर देउरी, वैज्ञानिक डॉ.दिनेश चंद्र गोस्वामी, फिल्मकार जाह्नू बरुवा, गौहाटी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.गजेंद्र नाथ तालुकदार, कॉटन कालेज के पूर्व प्रिंसिपल उदयादित्य भराली, गौहाटी मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ.एनएऩ बर्मन और गौहाटी विवि के पूर्व प्रोफेसर अब्दुल मन्नान शामिल हैं।
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