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उग्रवादी संगठन ULFA-I की बड़ी मांग, वार्ता में मुख्य मुद्दा हो ‘संप्रभुता’

locationगुवाहाटीPublished: Feb 10, 2020 05:10:45 pm

Submitted by:

Prateek

Assam News: मालूम हो कि तीसरा बोड़ो समझौता होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से (ULFA-I) परेश बरुवा (Paresh Barua) से बातचीत के लिए आगे आने की कोशिश की जा रही है…
 

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ULFA-I की बड़ी मांग, वार्ता में मुख्य मुद्दा हो ‘संप्रभुता’

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): प्रतिबंधित संगठन यूनाईटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडट (उल्फा-आई) केंद्र सरकार के साथ बातचीत के मुद्दे पर अब भी अड़ा हुआ है। उसने केंद्र और राज्य सरकार के किसी भी प्रतिनिधि के साथ बातचीत की अटकलों को नकार दिया है।

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एक स्थानीय अख़बार को दिए इंटरव्यू में उल्फा-आई के कमांडर-इन-चीफ परेश बरुवा ने कहा कि वे सरकार के साथ बातचीत के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन असम की संप्रभुता का मसला वार्ता का मुख्य मुद्दा होना चाहिए। सरकार को यह समझाने की कोशिश करनी चाहिए कि क्यों हमें संप्रभुता नहीं दी जा सकती। बरुवा ने कहा कि सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनसे या उल्फा-आई के किसी अन्य बड़े नेता से संपर्क नहीं किया है। हमारी ओर से भी कोई कदम नहीं बढ़ाया गया है। बरुवा ने मीडिया रिपोर्ट्स कहा जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह मंत्री ने हमें बातचीत के लिए आगे आने की अपील की है वैसे ही हमने मीडिया के जरिए अपनी बात रखी है।

 

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दिया यह तर्क…

संप्रभुता के मुद्दे पर वार्ता की मांग को जायज ठहराते हुए बरुवा ने तर्क दिया कि देश के अन्य हिस्सों की तरह असम कभी भी मुगल शासन के तहत नहीं था। हमने असम की आजादी की लड़ाई के लिए लड़ते हुए अनेक युवाओं को खोया है। अपने बाल्य काल के दोस्त रेवती फुकन द्वारा बातचीत को आगे बढाए जाने के मसले पर बरुवा ने कहा कि वह मेरे पास नहीं है। वह हमारे संपर्क मे ही नहीं है।वह गत साल अप्रेल में जब लापता हुआ था तब उसकी तबीयत ठीक नहीं थी। सरकारी एजेंसियों द्वारा उसका पता नहीं लगा पाना विफलता है। मालूम हो कि तीसरा बोड़ो समझौता होने के बाद केंद्र और राज्य सरकार की ओर से परेश बरुवा से बातचीत के लिए आगे आने की कोशिश की जा रही है।

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