scriptAssam सरकार के मंत्री ने NRC को मानने से किया इंकार, कही यह बड़ी बात | Assam NRC: BJP MInister Himanta Vishwa Sharma Refused To Accept NRC | Patrika News

Assam सरकार के मंत्री ने NRC को मानने से किया इंकार, कही यह बड़ी बात

locationगुवाहाटीPublished: Sep 24, 2019 09:53:34 pm

Submitted by:

Prateek

Assam NRC: असम सरकार (Assam Government) में मंत्री ने असम एनआरसी (Assam NRC List) को मानने से इंकार दिया है। हिमंत विश्व शर्मा (Himant Vishwa Sharma) ने कहा कि…

Assam NRC

Assam सरकार के मंत्री ने NRC को मानने से किया इंकार, कही यह बड़ी बात

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम के वित्त मंत्री डा.हिमंत विश्व शर्मा ने कहा है कि भाजपा पहले ही अंतिम एनआरसी को खारिज कर चुकी है। इसे असम का दस्तावेज नहीं माना जा सकता। करीमगंज और सिलचर में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर अंतिम एनआरसी को खारिज करने के कारणों को रखेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि नवंबर में विवादास्पद नागरिकता संशोधन विधेयक को संसद में पारित किया जाएगा।


मालूम हो कि असम में नागरिकता संशोधन का विरोध हुआ था। डा.शर्मा ने कहा कि जो सरकार जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को बेअसर कर सकती है, तीन तलाक जैसे विधेयक को पारित कराने का कठोर फैसला कर सकती है उसके लिए नागरिकता संशोधन विधेयक पारित कराना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने के बाद ही पूरे देश में एनआरसी लागू की जाएगी।

राज्य की अंतिम एनआरसी को भेदभावपूर्ण बताते हुए डा.शर्मा ने कहा कि यह असमिया जाति का दस्तावेज नहीं हो सकता। जिनका नाम एनआरसी में आया है उन्हें ज्यादा खुश होने की जरुरत नहीं है। जिनका नाम नहीं आया है उन्हें भी चिंतित होने की जरुरत नहीं।


मंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित होने के बाद ही डिटेंशन कैंप की जरुरत पड़ेगी। हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्म के लोगों को नागरिकता संशोधन विधेयक के जरिए पुर्नवास करने के बाद ही बाकी को डिटेंशन कैंप में डाला जाएगा। उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि भाजपा नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर टकराव नहीं चाहती। जिन राज्यों मे छठा अनुच्छेद लागू हो उन राज्यों में विधेयक के लागू न होने से विवाद की जरुरत नहीं है।


डा.शर्मा ने कहा कि भाषा को लेकर राष्ट्रीय एकता संभव नहीं हो सकती। यह संकीर्ण विचारधारा है। नागरिकता संशोधन विधेयक को पारित कराने के लिए प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के अटल रहने की बात कहते हुए मंत्री ने कहा कि 31 दिसंबर 2014 तक जो भारत आए हैं उनके लिए यह विधेयक है। इसके बाद आने वालों के लिए नहीं है। यह विधेयक पारित होने से हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी धर्म के लोगों को राहत मिलेगी। बाकी बचे जिन लोगों को बांग्लादेश नहीं लेगा वे भी यहीं रहेंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो