लेना होगा यह प्रमाण पत्र…
बताया जा रहा है कि नाम न रहने वालों को अस्वीकृत का प्रमाण पत्र पाने के लिए नवंबर तक का इंतजार करना होगा। क्योंकि राज्य में फैले 2500 एनआरसी सेवा केंद्रों से एनआरसी राज्य समन्वयक का कार्यालय संबंधित कागजातों को एकत्रित करने का कार्य अक्तूबर के अंत तक करेगा। अस्वीकृत के प्रमाण पत्र में यह बात लिखी होगी कि क्यों आपका नाम एनआरसी में शामिल नहीं हो पाया है।
एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हाजेला ने जिला एनआरसी अधिकारियों को पत्र लिखकर सूचित किया है कि कब तक कैसे उन्हें अस्वीकृत प्रमाण पत्र के लिए जरुरी कागजात भेजने हैं। एक जिला एनआरसी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अस्वीकृत प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया नवंबर के पहले शुरु नहीं होने वाली है। इस पत्र में बताया गया है कि कैसे एक व्यक्ति का फाइनल एनआरसी रिपोर्ट कार्ड और नाम न रहने वालों का कैसे स्पीकिंग आर्डर और अन्य कागजात स्कैन कर अपलोड करना है। अंत में 30 अक्टूबर को बयानों के स्कैनिंग की बात कही गई है। इसके बाद ही एनआरसी प्रबंधन लोगों को नामों के अस्वीकृति का प्रमाण पत्र दे पाएगा।
बढ़ भी सकती है सीमा…
अधिकारी ने बताया कि कुछ जिलों में यह समयसीमा बढ़ सकती है क्योंकि कुछ जिलों में नाम न आने वाले लोगों की संख्या अधिक है। इस बीच राज्य सरकार ने 200 नए विदेशी न्यायाधिकरणों के लिए सदस्यों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी कर ली है। जैसे ही एनआरसी प्रबंधन अस्वीकृत प्रमाण पत्र देगा वैसे ही विदेशी न्यायाधिकरण काम करना शुरु कर देंगे। दो सौ और विदेशी न्यायाधिकरण दिसंबर तक काम करना शुरु करेंगे। अस्वीकृत प्रमाण पत्र मिलने के 120 दिनों के अंदर नाम न रहने वाले लोगों को विदेशी न्यायाधिकरण में अपील करनी होगी।