गुवाहाटी

विवादित विधेयक के लोस में पारित होने से असम में जोरदार विरोध शुरु

सचिवालय घेराव करने की कोशिश करने वालों पर पुलिस ने बुधवार को लाठीचार्ज…
 

गुवाहाटीJan 09, 2019 / 07:29 pm

Prateek

protest

राजीव कुमार की रिपोर्ट…

(गुवाहाटी): लोकसभा में पास किए गए नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर असम में विरोध थम नहीं रहा है। बुधवार को सुबह कृषक मुक्ति संग्राम समिति और अन्य 70 जातीय संगठनों के सदस्यों ने असम सचिवालय के बाहर विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया।

 

 

सीएम को रद्य करने पड़ रहे कार्यक्रम

नगांव में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रंजीत दास को अखिल असम छात्र संघ(आसू) के सदस्यों ने काले झंडे दिखाए और उनके वाहन को रोकने का प्रयास किया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाया। वहीं मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को विरोध के चलते अपने कई कार्यक्रमों को रद्द करना पड़ रहा है। बोकाखात में आज उन्हें एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने जाना था। इसके लिए हेलीपेड का भी निर्माण किया गया लेकिन विरोध की आशंका के चलते उन्हें यह कार्यक्रम रद्द करना पड़ा। जगह-जगह उनकी प्रतीकात्मक शव यात्रा निकाली गई।


छात्रों ने किया कक्षाओं का बहिष्कार

कृषक नेता अखिल गोगोई ने कहा कि हम अब कानून का उल्लंघन शुरु करेंगे। हम भाजपा के नेताओं को शांति से सभा नहीं करने देंगे। असम में भी प्रवेश में बाधा डालेंगे। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री डा.हिमंत विश्व शर्मा और प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष रंजीत दास को बैठक करने नहीं देंगे। राज्य के कई विश्वविद्यालय,कालेजों के विद्यार्थियों ने विधेयक के लोकसभा में पारित करने के खिलाफ अनिश्चिकालीन कक्षाओं का बहिष्कार शुरु किया है।


एनआरसी कार्यालय पर ताला लगाना सही— कांग्रेस

वहीं राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता तरुण गोगोई ने कहा कि विधेयक के पारित होने के बाद राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) के कार्यालय में ताला लगा देना ही ठीक है। एनआरसी का अब कोई काम नहीं रहेगा। भाजपा अब बांग्लादेशियों की पार्टी बन गई है। भाजपा दोमुंही नीति अपना रही है। भाजपा नेता हिमंत विश्व शर्मा पहले मुसलमान प्रिय नेता था और अब वह हिंदू प्रिय नेता बन गया है। हो सकता है कि हिमंत कल वापस कांग्रेस में लौट आए।

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