भाजपा ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन करते हुए समझौता किया था कि लोकसभा में तीन सीटें देने के साथ ही राज्यसभा की एक खाली सीट देनी होगी। उसी समझौते के अनुसार भाजपा ने एक राज्यसभा की सीट अगप को दी है। लोकसभा की तीन सीटों पर अगप को हार का मुंह देखना पड़ा है। वहीं भाजपा ने कामाख्या प्रसाद तासा को जोरहाट संसदीय सीट से इस बार टिकट न देकर तपन कुमार गोगोई को उतारा था। गोगोई जीते। तासा को टिकट न देकर एक तरह से वंचित किया गया, पर वे पार्टी के आज्ञाकारी बने रहे। चुनाव में काफी सहयोग किया। इसके ईनाम स्वरूप उन्हें राज्यसभा से सांसद बनाया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बीते रविवार को दिल्ली में मुलाकात कर मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और असम के वित्त मंत्री डा. हिमंत विश्व शर्मा ने इस नाम पर फैसला किया। आज हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में तासा की उम्मीदवारी पर मुहर लगाई गई। तासा चाय जनगोष्ठी से आते हैं।
मालूम हो कि 14 जून को राज्यसभा सांसद डा.मनमोहन सिंह और शांतियास कूजूर का कार्याकाल खत्म हो रहा है। कांग्रेस के पास इन्हें वापस राज्यसभा में भेजने के नबंर नहीं हैं। इसलिए कांग्रेस की ओर से कोई उम्मीदवार नहीं है। 28 मई को सिर्फ दो ही नामांकन हुए, तो दोनों निर्विरोध चुने जाएंगे। अगप को राज्यसभा में फिर वैश्य के जरिए प्रतिनिधित्व मिल जाएगा।