scriptअंतर्कलह से जूझ रही अगप ने पार्टी संविधान के संशोधन के लिए कमेटी गठित की | Committee constituted for amendment Assam Gana Parishad's constitution | Patrika News

अंतर्कलह से जूझ रही अगप ने पार्टी संविधान के संशोधन के लिए कमेटी गठित की

locationगुवाहाटीPublished: May 14, 2019 09:05:42 pm

Submitted by:

Prateek

अनुशासन समिति गठित करने का अधिकार अध्यक्ष को दिया…
 
 

atul bohra

atul bohra

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम गण परिषद (अगप) की महत्वपूर्ण कार्यकारिणी की बैठक आज अगप मुख्यालय आमबाड़ी में आयोजित हुई। इसमें लोकसभा चुनावों के बारे में चर्चा करने के साथ ही राज्यसभा के लिए राज्य से खाली होने वाली दो सीटों को लेकर भी चर्चा हुई। अगप-भाजपा गठबंधन को लेकर भी चर्चा की गयी। कल पार्टी के साधारण परिषद की बैठक आयोजित होगी। पहले अटकलें लग रही थी कि महंत इस बैठक में शिरकत नहीं करेंगे। लेकिन आज उन्होंने शिरकत की।


शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करना पार्टी का फैसला था। भाजपा के साथ गठबंधन के मामले पर उन्होंने कहा कि उस पर मैं पार्टी में राय रखूंगा। मैंने अनुशासन तोड़ा है या नहीं, उसका निर्णय पार्टी में किया जाएगा। कार्यकारिणी की अध्यक्षता पार्टी अध्यक्ष अतुल बोरा ने की। इसमें महंत के अलावा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महंत, पूर्व अध्यक्ष वृंदावन गोस्वामी, महासचिव बीरेंद्र प्रसाद वैश्य, डॉ. कमलाकांत कलिता, रमेंद्र नारायण कलिता, उत्पल दत्त, प्रदीप हजारिका, नुरूल हुसैन, भूपेन राय, फणिभूषण चौधरी समेत लगभग सभी केंद्रीय पदाधिकारी मौजूद थे।


आज की बैठक में संविधान संशोधन समिति गठित करने का फैसला किया गया। राज्यसभा चुनाव पर विस्तार से चर्चा करने के लिए अध्यक्ष अतुल बोरा के नेतृत्व में एक 15 सदस्यीय कमेटी गठित की गयी। पार्टी ने फैसला किया कि एनआरसी के अद्यतन को कुछ लोग बाधा पहुंचाना चाहते हैं। इन सब विषयों को लेकर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हाजेला से मुलाकात करेगा।


अंतर्राज्यीय सीमा विवाद के स्थायी हल के लिए पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल जल्द ही राज्य और केंद्र सरकार से मुलाकात करेगा। इस बैठक में प्रस्ताव लिया गया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव को लेकर जिला समितियों से मिले आरोपों की जांच के लिए एक अनुशासन समिति गठित करने का अध्यक्ष को अधिकार होगा। साथ ही पार्टी में अनुशासन को बनाये रखने पर बल दिया गया। राज्य के तीन पेपर मिलों को फिर खोले जाने, स्वदेशी लोगों के संवैधानिक अधिकार की रक्षा और छह जनगोष्ठियों के जनजातिकरण की मांग में पार्टी का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली जाकर केंद्र सरकार के साथ जाकर बातचीत करेगा। बैठक में प्रस्ताव लेकर राज्य के तेल क्षेत्रों के निजीकरण का विरोध किया गया।

ट्रेंडिंग वीडियो