सैयदा ने क्या लिखा आप भी पढ़ें
सैयदा ने लिखा है कि मैं हिंदुओं की क्यों आभारी हूं यह सभी को जानना चाहिए। जब शांतिपुर पूजा कमेटी के लोग मां की प्रतिमा के विसर्जन के लिए जा रहे थे तब माछखोवा में अजान शुरू हो चुकी थी। कमेटी के एक सदस्य ने संगीत को तब तक बंद करने का निर्देश दिया जब तक अजान के स्वर लाउडस्पीकर पर सुनाई देेते रहे। कमेटी के सदस्यों ने जोर से कहा कि हमें भी दूसरे धर्म का सम्मान करना चाहिए… तभी मुझे महसूस हुआ कि हमारा भाईचारा एकदूसरे का सम्मान करना सिखाता है। माछखोवा के लोगों ने इसे महसूस किया और मैं उनकी ओर से तहेदिल से धन्यवाद करती हूं। सोशल मीडिया पर संदेश दिया जा रहा है कि यही भारत की असली तस्वीर है। अनवर कहती हैं कि किसी को धर्म पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम यहां परिवार की तरह रहते हैं। मैं अपने पोस्ट के जरिए प्यार का संदेश देना चाहती हूं।