scriptइलेक्शन 2019 स्पेशल…बरपेटा में कांग्रेस, अगप व एआईयूडीएफ में कांटे की टक्कर | Conflicts of thorns in Congress, AGP and AIUDF in Barpeta | Patrika News

इलेक्शन 2019 स्पेशल…बरपेटा में कांग्रेस, अगप व एआईयूडीएफ में कांटे की टक्कर

locationगुवाहाटीPublished: Apr 22, 2019 05:59:44 pm

Submitted by:

Prateek

बरपेटा संसदीय सीट में दस विधानसभा सीटें आती हैं…

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(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम की बरपेटा संसदीय सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट पर अगप, कांग्रेस और एआईयूडीएफ के बीच मुकाबला होगा। वर्ष 2014 में इस सीट से एआईयूडीएफ के सिराजुद्दीन अजमल विजयी हुए थे।


इन उम्मीदवारों ने ठोकी ताल

इस बार एआईयूडीएफ ने रफीकुल इस्लाम, कांग्रेस ने आब्दुल खालेक और भाजपा की सहयोगी अगप ने कुमार दीपक दास को उतारा है। इस सीट पर अन्य उम्मीदवारों में वोटर्स पार्टी इंटरनेशनल के सानियारा प्रवीण, नेशनल रोड मैप पार्टी ऑफ इंडिया के मतियुर रहमान, पूर्वांचल जनता पार्टी सेकुलर के अरुण बरुवा, भारतीय गण परिषद के शांतुन मुखर्जी, नेशनल पीपुल्स पार्टी के प्रणवज्योति दास राजवंशी, तृणमूल कांग्रेस के अशहक अली दीवान, एसयूसीआई की चित्रलेखा दास, नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेस के भद्रेश्वर बर्मन और निर्दलीय अरफान अली शामिल हैं।

 

बरपेटा संसदीय सीट में कुल मतदाताओं की संख्या 16,76,854 है। इनमें पुरुष मतदाता 8,65,300 और महिला मतदाता 8,11,538 हैं। जमसांख्यिकी के हिसाब से देखें तो इनमें मुस्लिम मतदाता 48 प्रतिशत, असमिया व बंगाली हिंदू मतदाता 46 प्रतिशत और बोड़ो व अन्य मतदाता 6 प्रतिशत है।

 

सीट का सियासी इतिहास

बरपेटा संसदीय सीट पर 1951 से 1982 तक छह बार लगातार कांग्रेस जीतती रही है। 1951 में कांग्रेस के बेली राम दास, 1961 में रेणुका देवी बरकटकी, 1967 और 1971 में फखरुद्दीन अली अहमद, 1977 और 1982 में इस्माइल हुसैन खान, 1991 और 1996 में माकपा के उद्धव बर्मन ; 1998,1999 और 2004 में एएफ गोलाम उस्मानी, 2009 में इस्माइल हुसैन और 2014 में एआईयूडीएफ के सिराजुद्दीन अजमल विजयी हुए थे।


बरपेटा संसदीय सीट में दस विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें बंगाईगांव, अभयापुरी उत्तर, अभयापुरी दक्षिण, पटाचारकुची, बरपेटा, जनिया, बाघबर, सरुखेत्री, चेंगा और धरमपुर शामिल है।इनमें से कांग्रेस के पास पांच, अगप के पास तीन, भाजपा और एआईयूडीएफ के पास एक-एक विधानसभा सीटें हैं।


मुस्लिम वोट विभाजित हुए और हिंदू वोट अगप के उम्मीदवार के पक्ष में गए तो तस्वीर बदल सकती है। इस बार एआईयूडीएफ ने सिराजुद्दीन अजमल के स्थान पर रफीकुल इस्लाम को उतारा है। पिछले लोकसभा चुनाव मे सिराजुद्दीन अजमल ने भाजपा के चंद्रमोहन पटवारी को सिर्फ 42,341 मतों से हराया था। कांग्रेस के उम्मीदवार इस्माइल हुसैन 2,77,802 मतों से तीसरे और अगप के फणिभूषण चौधरी 73,733 मतों से चौथे स्थान पर थे।

 

इस बार अगप के साथ भाजपा का गठबंधन है और इसलिए अगप का उम्मीदवार मैदान में है। ऐसी स्थिति में अगप के कुमार दीपक दास बेहतर स्थिति में हैं। पर नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ असमिया वोटों का एक बड़ा हिस्सा कांग्रेस की तरफ गया तो स्थिति बदल जाएगी। वैसे कांग्रेस, एआईयूडीएफ और अगप के बीच कड़ा मुकाबला है। कौन जीतेगा यह 23 मई की मतगणना के बाद ही स्पष्ट होगा।

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