(गुवाहाटी): अंधविश्वास और कुसंस्कार के खिलाफ असम की जनता के बीच सजगता पैदा करने के लिए राज्य सरकार ने संस्कार कार्यक्रम शुरू करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री के सभाकक्ष में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में राज्य की हाल की स्थिति की समीक्षा के लिए हुई महत्वपूर्ण बैठक में यह फैसला किया गया। इस कार्यक्रम का नाम संस्कार-मनुष्य मनुष्य के लिए रखा गया है। असम विज्ञान प्रौद्योगिकी व पर्यावरण परिषद को नॉडल विभाग के रूप में लेकर इस कार्यक्रम को लागू किया जाएगा।
इन पर होगा दारोमदार
कार्यक्रम को लागू करने के लिए जिला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और जिले के संबंधित विभागों को समेटा जाएगा। कार्यक्रम में राज्य के प्रत्येक विकास प्रखंड को समेटा जाएगा तथा इस सजगता कार्यक्रम में स्थानीय दल संगठनों, महिला समिति, स्वयंसेवी संगठनों, पत्रकारों, प्रमुख लोगों, कलाकार, साहित्यकार, शिक्षाविद् के अलावा सांसद, विधायक, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
समाज सुधारक शामिल
इस कार्यक्रम में बीरुबाला राभा जैसी अंधविश्वास के खिलाफ कार्य करने वाली समाज सुधारक को भी शामिल किया जाएगा। सोनोवाल ने कहा कि पूरे साल राज्य में अभियान निरंतर चलना होगा, ताकि राज्य के सभी इलाकों में अंधविश्वास की जगह एक स्वस्थ वातावरण बना रहे। उन्होंने कहा कि कोई भी बाहर से आया व्यक्ति किसी भी वजह से अंधविश्वास का शिकार न हो, यह हमें सुनिश्चित करना होगा। असम के लोग आतिथ्य के लिए विश्व में जाने-जाते हैं।
सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि संस्कार कार्यक्रम के दिशा-निर्देश तीन दिन में तैयार कर सात दिन में पूरे राज्य में इसे शुरू करने के लिए कदम उठाए जाएं, ताकि अंधविश्वास के चलते किसी और की मौत न हो। मुख्यमंत्री ने मारे गए निलोत्पल दास के पिता से बात की। इस दौरान दास के पिता ने मुख्यमंत्री से कहा था कि इस तरह की घटना रोकने के लिए जनता के बीच सजगता पैदा करने के कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि जरूरी हुआ तो वे खुद भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।