शीर्ष नेतृत्व को दोबारा करना चाहिए विचार—बरूवा
बरुवा ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व को इस पर फिर से विचार करना चाहिए क्योंकि यह असम समझौते को पूरी तरह नकारा देगा। बरुवा मुख्यमंत्री के करीबी हैं। उन्होंने कहा कि विशिष्ट बुद्धिजीवी डा.हीरेन गोहाईं के खिलाफ देशद्रोह का जो मामला पुलिस ने दर्ज किया है वह पुलिस के अधिकारियों का मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए किया गया षड़यंत्र है।
विधेयक को नहीं मेरा नैतिक समर्थन— हितेंद्र नाथ
इससे पहले असम विधानसभा के अध्यक्ष हितेंद्र नाथ गोस्वामी ने कहा था कि विधेयक को मेरा भी नैतिक समर्थन नहीं है। स्वदेशी लोगों द्वारा स्वीकार न किए जानेवाले कार्य को मेरा विवेक भी समर्थन नहीं करता। मैं अब भी आशा करता हूं कि सबको स्वीकृत असम समझौते के आधार पर स्वदेशी लोगों के हितों को सुरक्षित करने के लिए केंद्र व राज्य सरकार जल्द ही बड़ा फैसला कर विधिवत कदम उठाएगी। असमवासियों के मन में जो शंका है उसे भी इन कदमों के जरिए दूर किया जाएगा।
हर कार्यक्रम में हेलीकाप्टर से जा रहे सीएम
विधायक पद्म हजारिका ने कहा कि वे किसी भी कीमत पर विधेयक का समर्थन नहीं करते। वहीं राज्यभर में विधेयक के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल को विरोध से बचने के लिए थोड़ी दूरी भी हेलीकाप्टर से तय करनी पड़ रही है। जोरहाट के काजीरंगा विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए वे गए। इसके लिए विश्वविद्यालय के परिसर में ही हेलीपेड बनाया गया। वहीं मंगलवार को नगांव में वे भोगाली बिहू के कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे तभी गैस से भरे काले गुब्बारे उड़ाए गए। कांग्रेस ने बिहू के दिन मेजी(पारंपरिक आग)जलाकर कामना की कि मुख्यमंत्री को सद्बुद्धि आए। वहीं कई दिनों से विधेयक के खिलाफ बैठे किसान नेता अखिल गोगोई ने मंगलवार को अपना अनशन तोड़ दिया।