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इन डॉक्टरों ने दिया इस्तीफा
इस्तीफा देने वालों में मरियानी के न्यू सोनोवाल चाय बागान के डॉक्टर निपुन कर्मकार, भेलागुड़ी चाय बागान के डॉ.एस एन सिंह, काकोजान चाय बागान की महिला डॉक्टर लुपा दास, डिब्रुगढ़ चाय बागान के डॉ. रवि बरुवा और नुमलीगढ़ चाय बागान के डॉ.अजय कटकी शामिल है। कई और बागान के डॉक्टर इस्तीफे का मन बना चुके हैं।
उधर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की असम इकाई ने धमकी दी है कि बागानों में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई तो वे बागानों से सभी डॉक्टरों को वापस बुला लेंगे। इस्तीफा देने वाले एक डॉक्टर ने कहा कि टियोक चाय बागान की घटना के बाद से ” मैं असुरक्षित महसूस कर रह था।” बागान के अन्य एक डाक्टर ने असम चाय मजदूर संघ और अन्य चाय कर्मी संगठनों की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।
संगठन ने दी धमकी
आईएमए की असम शाखा ने भारतीय चाय संघ की असम शाखा को पत्र लिखकर कहा है कि सभी बागानों के स्वास्थ्य संस्थानों में पेशेवर सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही इन सुरक्षा कर्मियों के रहने के लिए बैरेक का निर्माण किया जाए। शाखा ने मांग की है कि बागानों के अस्पतालों में सीसीटीवी लगाया जाए। शाखा ने धमकी दी है कि बागान प्रबंधन की ओर से इन पर लिखित आश्वासन नहीं दिया गया तो छह सितंबर से सभी बागानों से डॉक्टरों को वापस बुला लिया जाएगा। वहीं आईएमए के अध्यक्ष शांतनु सेन बुधवार को दिवंगत डॉक्टर देबेन दत्त के घर का दौरा कर एलान किया कि घटना को पांच दिन हो गए। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने एक भी बयान नहीं दिया है। यदि उन्होंने कोई बयान नहीं दिया तो डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे। साथ ही गिरफ्तार लोगों पर गैर जमानती धारा लगाने की मांग की। डॉ.सेन ने कहा कि मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त उपायुक्त चाय जनगोष्ठी के ही व्यक्ति हैं। इसलिए जांच में निष्पक्षता के लिए उन्हें बदला जाए।
चाय संघ का सरकार से अनुरोध
इधर भारतीय चाय संघ के अध्यक्ष विवेक गोयनका ने एक बयान जारी कर चाय बागान के अस्पतालों को राज्य और केंद्र सरकार के स्वास्थ्य सेवाओं के तहत संचालित करने का सरकार से अनुरोध किया है। गोयनका का कहना है कि बागानों में फिलहाल जो असुरक्षा का माहौल है उसमें चाय बागान प्रबंधनों द्वारा बागान अस्पतालों को संचालित करना अव्यावहारिक हो गया है। यह उचित समय है जब सरकार को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।