मोरिगांव जिले के मिकिरभाटा थानातंगर्त कलमोऊबाड़ी गांव पंचायत के एनआरसी सेवा केंद्र की जांच टीम का सदस्य खाइरुल इस्लाम एक सरकारी शिक्षक है। मोरिगांव जिले के ठेंगशालीबाड़ी खंदापुखुरी प्राथमिक विद्यालय का शिक्षक खाइरुल वास्तव में विदेशी न्यायाधिकरण द्वारा घोषित विदेशी है। विदेशी न्यायाधिकरण ने खाइरुल की मां मनोवरा बेगम समेत तीन पुत्र और एक बेटी को विदेशी घोषित किया था। तीन पुत्रों में खाइरुल के साथ ही आसादुल इस्लाम,तसिराजुल इस्लाम और पुत्री फरीदा बेगम को 20 फरवरी 2016 को विदेशी करार दिया गया था। इसके बाद इन लोगों ने गौहाटी उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। तब इन्हें जमानत मिली।
जमानत पर रहनेवाले परिवार का पुत्र खाइरुल अब भी शिक्षक की नौकरी कर रहा है। सरकारी शिक्षक होने के चलते उसे एनआरसी के अद्यतन कार्य में लगाया गया है। विदेशी करार दिए गए व्यक्ति द्वारा एनआरसी की जांच किस तरह होगी,इस पर भी प्रश्न चिह्न लग रहे हैं। न जाने और कितने इस तरह के संदिग्ध लोग मोरिगांव या पूरे असम में एनआरसी के काम में लगे हैं। जब विभिन्न राज्यों में भेजे गए कागजातों का सत्यापन न होने के कारण काफी लोगों के नाम अंतिम प्रारुप एनआरसी में नहीं आए हैं तब संदिग्ध लोगों द्वारा ही जांच का कार्य करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अखिल असम छात्र संघ की मोरिगांव इकाई ने मांग की है कि एनआरसी के काम में जो लगे हैं उनके बारे में ही पहले पुख्ता जानकारी लेकर काम पर लगाया जाए ताकि विदेशी लोग एनआरसी में शामिल नहीं हो जाएं।