गुवाहाटी। पूर्वोत्तर के कई राज्य बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। असम, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और नगालैंड में लगातार भारी बारिश की वजह से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। असम में इस साल की पहली बाढ़ में डेढ़ लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं त्रिपुरा में चालीस हजार लोग चपेट में आए हैं और तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। वहीं मणिपुर सरकार ने बाढ़ की बिगड़ी स्थिति के कारण बुधवार को सरकारी छुट्टी की घोषणा कर दी। स्कूलों में भी छुट्टी थी।
अगले 48 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी पिछले तीन दिनों से मणिपुर की राजधानी इंफाल के दोनों जिले पूर्वी इंफाल और पश्चिम इंफाल में बाढ़ का कहर था। मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले 48 घंटों में त्रिपुरा और दक्षिण असम में भारी बारिश की चेतावनी दी है। वहीं असम में छह जिले बाढ़ की चपेट में आए हैं। इन छह जिलों के 1 लाख 48 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आए हैं तथा इनके लिए 71 राहत शिविर व केंद्र खोले गए हैं।
बराक घाटी का रेल संपर्क टूटा पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने बताया है कि तड़के लामडिंग-बदरपुर सेक्शन में छह जगह भूस्खलन हुआ। इससे बराक घाटी का शेष देश के साथ रेल संपर्क टूट गया। पूसी रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ज्योति शर्मा ने बताया कि तीन भूस्खलन वाली जगह को ठीक कर लिया गया है जबकि अन्य तीन भूस्खलन वाले स्थानों पर युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। भूस्खलन के कारण कई ट्रेनों की सेवा रद्द करने के साथ ही कई को नियंत्रित किया गया है।
काटाखाल नदी खतरे के निशान से ऊपर असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार हैलाकांदी जिले के मातीजुरी में काटाखाल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। असम के छह जिले विश्वनाथ, कार्बी आंग्लांग पूर्व, कार्बी आंग्लांग पश्चिम, गोलाघाट, करीमगंज और हैलाकांदी बाढ़ की चपेट में आए हैं। प्रभावित गांवों की संख्या 222 है। बाढ़ से 1,127.72 हेक्टेयर फसल को नुकसान हुआ है। हैलाकांदी और करीमगंज में सबसे ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं। करीमगंज जिले के पथारकांदी में 75 हजार और हैलाकांदी जिले के काटलीचेरा और लाला में 55 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। प्रभावित लोगों के लिए पथारकांदी में 54 और काटलीचेरा में 16 शिविर स्थापित किए गए हैं। असम में अभी तक किसी के मरने की खबर नहीं है। राहत और बचाव के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को उतारा गया है। करीमगंज जिले से 124 लोगों को बाहर निकाला गया है।