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गुवाहाटी

बाईचुंग भूटिया की ‘हमरो सिक्किम पार्टी’ लोकसभा व विधानसभा चुनाव में उतारेगी अपने प्रत्याशी

बाईचुंग फूटबालर से राजनेता बने। पर यह चुनाव इनके लिए नया नहीं है। इससे पहले 2014 में दार्जिलिंग लोकसभा और 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में सिलीगुड़ी से ममता बनर्जी की टीएमसी के प्रत्याशी के तौर पर असफल रहे हैं…

गुवाहाटीMar 05, 2019 / 03:02 pm

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baichung bhutia file photo

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(गंगटोक,सुवालाल जांगू): हमरो सिक्किम पार्टी (एचएसपी) के अध्यक्ष बाईचुंग भूटिया ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य के आगामी लोकसभा चुनाव लडेगी इसी के साथ पार्टी विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। राज्य के विधानसभा चुनाव आम चुनावों के साथ ही होंगे। मीडिया से बातचीत करते हुए बाईचुंग ने कहा की उनकी पार्टी ने आगामी चुनाव प्रचार के लिए ‘हमरो सिक्किम, नया सिक्किम’ का नारा गढ़ा हैं। राज्य में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ़) के खिलाफ एचएसपी का दूसरी स्थानीय दलों के साथ चुनावी गठबंधन करने की संभावना के सवाल का जवाब देते हुए बाईचुंग ने बताया, ‘मुझे एक स्थानीय दल के साथ चुनावी साझेदारी होने की पूर्ण आशा हैं।’ बीजेपी के साथ चुनावी गठबंधन करने की अफवाह के बीच एचएसपी के कार्यकारी अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि उसकी पार्टी आगामी चुनावों में किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी।


आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को पार्टी नहीं देगी मौका

राज्य के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग पर हमला करते हुए बाईचुंग ने कहा कि चामलिंग राज्य में जाति और धर्म के आधार पर बँटवारे की राजनीति कर रहे हैं। भूटिया ने कहा कि उनकी पार्टी का विकास एक मात्र चुनावी एजेंडा रहेगा। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी किसी आपराधिक छवि के व्यक्ति को चुनाव में टिकिट नहीं देगी। भारतीय फूटबाल टीम के पूर्व कप्तान ने इसी साल जनवरी में राज्य के आगामी विधानसभा के चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। 43 वर्षीय पूर्व कप्तान ने कहा, ‘राज्य की राजनीति में ज्यादा समय तक रहने के लिए मैं प्रतिबद्ध हूँ और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए मेरी पार्टी जो भी ज़िम्मेदारी मुझे देगी उसको मैं लेने के लिए तैयार हूँ ।’


एक फूटबालर से राजनेता बने बाईचुंग

बाईचुंग फूटबालर से राजनेता बने। पर यह चुनाव इनके लिए नया नहीं है। इससे पहले 2014 में दार्जिलिंग लोकसभा और 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में सिलीगुड़ी से ममता बनर्जी की टीएमसी के प्रत्याशी के तौर पर असफल रहे हैं। फ़रवरी 2018 में बाईचुंग ने टीएमसी को छोड़ दिया था। अभी पिछली 27 फ़रवरी को बाईचुंग की एचएसपी को बड़ा राजनीतिक झटका लगा जब इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष रन बहादुर सुब्बा, पार्टी के सलाहकार और पूर्व मंत्री केएन उप्रेती और एचएसपी के उपाध्यक्षा तारा श्रेस्था के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने राज्य में सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी (एसडीएफ़) का दामन थाम लिया।

 

जोरेथांग मैदान में एचएसपी सहित कई विपक्षी दलों के 4,700 से अधिक समर्थकों ने बिना शर्त के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग की अध्यक्षता में हुए एक समारोह में एसडीएफ़ की सदस्यता ग्रहण की थी। एचएसपी को छोड़ कर जाने वाले नेता और इसके संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके आरबी सुब्बा ने कहा कि बाईचुंग के नेतृत्व में एचएसपी अभी तक चुनावों को लेकर कोई स्पष्ट राजनीतिक निर्णय नहीं ले सकी हैं और न ही पार्टी ने आर्थिक और सामाजिक विकास को लेकर कोई घोषणापत्र जारी किया। पार्टी के समर्थक लंबे समय से इन सब की घोषणाओं का इंतजार कर रहे थे लेकिन पार्टी के अध्यक्ष की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया। हम कब तक अनिर्णय की स्थिति मे रहते, आखिरकार समर्थकों के दबाव के चलते हमको एचएसपी को छोड़ने का निर्णय लेना पड़ा।

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