मतदाता सूची में है नाम
गौरतलब है कि जियाउद्दीन के पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची में है। उनके वोटर कार्ड भी है, लेकिन एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए व्यक्ति को 1951 की एनआरसी में अपने पूर्वजों के नाम खोजने होंगे। 24 मार्च 1971 तक के नामित कागजातों के साथ नागरिकता साबित करनी पड़ती है। जियाउद्दीन ने आगे कहा कि राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के साथ पारिवारिक रिश्ता साबित करने के लिए जो फोटो और कागजात थे, वे वर्ष 2000 की बाढ़ में बह गए। कुछ लोगों ने हमें गुमराह भी किया। कहा कि राष्ट्रपति का परिवार है, इसलिए एनआरसी में नाम अपने आप आ जाएगा। किसी ने बताया होता, तो हम अलग कागजात जमा करवाते। जियाउद्दीन और उसका परिवार अंतिम एनआरसी में अपना नाम दाखिल करवाने को बेकरार है।
कैसे साबित करे नागरिकता,ले रहे जानकारी
उन्होंने कहा कि वे एनआरसी सेवा केंद्र का दौरा कर यह जानने की कोशिश करेंगे कि नाम आने के लिए दावा कैसे करें। मैंने पहले आवेदन किया था बिना कागजातों के, लेकिन अब दावा कागजातों के साथ करुंगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति अहमद के बेटे और अन्य सदस्य देश के अन्यत्र हिस्सों में चले गए हैं। वे बहुत कम ही असम आते हैं, इसलिए उनको एनआरसी को लेकर कोई चिंता नहीं है।