असम विधानसभा में सितंबर 2017 में जनसंख्या व महिला सशक्तिकरण नीति लागू की गई थी। इसका उद्देश्य छोटे परिवार को बढ़ावा देना था। इस नीति में यह कहा गया था कि अधिकतम दो बच्चोंवाला व्यक्ति ही सरकारी नौकरियों के लिए योग्य होगा।नीति में यह भी कहा गया था कि वर्तमान के सरकारी कर्मचारियों को भी कड़ाई से इस नियम का पालन करना पड़ेगा।कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राज्य के उद्योग व वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी ने कहा कि जनसंख्या नीति को लागू करना बेहद जरुरी है।
बढ़ती जनसंख्या का दबाव जमीन और राज्य के संसाधनों पर पड़ता है।भूमिहीन लोगों को जमीन देना भी हमारे वायदों में शामिल है।कैबिनेट की बैठक के अन्य महत्वपूर्ण फैसलों में बस किराया 25 प्रतिशत बढ़ाने,सभी विधवाओं को हर महीने तीन सौ रुपए देने और 1 अप्रैल 2019 के बाद विधवा हुई महिलाओं को एकमुश्त पच्चीस हजार रुपए देने,भृमिहीन व्यक्तियों को घर के निर्माण के लिए आधा बीघा जमीन देने का निर्णय किया गया।यह जमीन 15 साल के पहले बेची नहीं जा सकती।वहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चयनित भूमिहीन लाभार्थियों को 50 हजार रुपए की एकमुश्त सहायता जमीन खरीदने के लिए दी जाएगी।
कैबिनेट बैठक में निर्यात और लॉजिस्टिक नीति ग्रहण की गई।कंटिजेंसी फंड सौ करोड़ से बढ़ाकर दो सौ करोड़ करने का फैसला हुआ।कैबिनेट ने पशुपालन क्षेत्र में प्राइवेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए पांच करोड़ से अधिक के निवेश पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने का फैसला किया गया।वहीं अटल अमृत अभियान में आईसीयू और जापानी बुखार के मरीजों को भी शामिल किया गया।