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आंकड़ों पर नजर डाले तो 2017 में अवैध तरीके से भारत से बांग्लादेश वापस जाने की कोशिश करते हुए 1700 लोगों को सीमा पर पकड़ा गया था। वहीं 2018 में यह संख्या 2800 थी। 2019 के आंकड़ें अभी सरकार ने सार्वजनिक नहीं किए हैं लेकिन गृहमंत्रालय के अधिकारियों का कहना हैं कि यह संख्या 6000 से अधिक हो सकती हैं। इस पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) अधिकारियों का कहना हैं कि लोग झुंड में सीमा पार जाते हैं ऐसे में कई को पकड़ा भी जाता है। वापस बांग्लादेश की ओर जाने वालों की संख्या कई सैकड़ों में हो सकती है। नेशनल क्राइम रेकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) ने भी 2019 की अपनी रिपोर्ट में माना है कि भारत से बांग्लादेश को वापस जाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। रिर्वस माइग्रेशन करने वालों में अधिकतर मुस्लिम समुदाय से हैं।
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बार्डर गार्ड्स बांग्लादेश के मेजर जनरल शफीनुल इस्लाम एक प्रतिनिधि मंडल के साथ 26 से 29 दिसंबर तक तीन दिवसीय भारत दौरे पर आए थे। इस दौरान वह कोलकाता, गुवाहाटी, शिलांग और अगरतला पहुंचे जहां उन्होंने बीएसएफ के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा भी की। इस्लाम ने स्वीकारा कि हाल में भारत से वापस बांग्लादेश को प्रवास करने या सीमापार जाने की कोशिश करने की घटनाओं में इजाफा हुआ है।
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मेजर जनरल ने बताया की असम एनआरसी सूची प्रकाशन के बाद पिछले दो महीनों के दौरान 445 लोग भारत से वापस बांग्लादेश पहुंचे हैं। 2019 में बीजीबी ने अवैध तरीक से भारत से वापस बांग्लादेश जाने की कोशिश करते हुए करीब 1000 लोगों को पकड़ा हैं। इनमें से 445 लोग तो नवंबर और दिसंबर के दौरान वापस बांग्लादेश आए हैं। शफ़ीनूल इस्लाम ने यह भी बताया की बीजीबी केवल वैध देस्तावेजों के प्रमाणीकरण और स्थानीय प्रतिनिधि की उपस्थिति के बाद ही भारत से लोगों को वापिस बांग्लादेश में आने देती है। बताया गया कि गुवाहाटी में इस्लाम ने कहा कि एनआरसी पूर्णतया भारत का आंतरिक मामला हैं। सीमा पर सुरक्षा को लेकर भारत का सहयोग करने के लिए उन्होंने आश्वस्त किया।
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यह है वापसी की वजह
जानकारों का मानना हैं कि रिर्वस प्रवास की प्रवृति के पीछे कई अहम कारण है। पहला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई बार पूरे देश में एनआरसी लागू करने की बात कह चुके हैं। दूसरा बांग्लादेश में आर्थिक प्रगति तेजी आई है जिसने प्रवासियों को वापसी के लिए आकर्षित किया है। तीसरा बांग्लादेश सरकार ने हाल के वर्षों में दो दर्जन से अधिक देशों के साथ कानूनी तौर पर कुशल मजदूरों का निर्यात करने के द्विपक्षीय समझौते किए हैं।