जोरहाट संसदीय सीट में दस विधानसभा क्षेत्र आते हैं। ये हैं-जोरहाट, तिताबर, मरियानी, टियोक, आमगुड़ी, नाजिरा, माहमोरा और सोनारी। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर कामाख्या प्रसाद तासा विजयी हुए थे। उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार तथा इस सीट से छह बार सांसद रहे विजयकृष्ण हैंडिक को 1,02,420 वोटों से हराया था। उन्हें इस बार पार्टी ने टिकट नहीं दिया लेकिन इस बार कांग्रेस ने आहोम संप्रदाय के व्यक्ति को टिकट दिया तो भाजपा ने भी निवर्तमान सांसद चाय जनजाति समुदाय से आने वाले कामाख्या प्रसाद तासा की जगह तपन कुमार गोगोई को मैदान में उतारा। गोगोई राज्य के ऊर्जा राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) हैं।
जोरहाट संसदीय सीट से भाकपा के कनक गोगोई, तृणमूल कांग्रेस के रिबूलया गोगोई, एनसीपी के कमला राजकुंवर, ऑल इंडिया फारवार्ड ब्लॉक के राजकुमार दुवारा और निर्दलीय अरबिन कुमार बरुवा तथा नंदिता नाग भी मैदान में हैं। जोरहाट संसदीय सीट के तहत आनेवाली दस विधानसभा सीटों में से चार-चार पर कांग्रेस व भाजपा है तो दो सीटों पर अगप का कब्जा है। जोरहाट, थावड़ा, माहमोरा और सोनारी में भाजपा के विधायक हैं तो तिताबर, मरियानी, शिवसागर और नाजिरा में कांग्रेस के विधायक हैं। उधर आमगुड़ी और टियोक में अगप के विधायक हैं।सोनारी से खुद तपन कुमार गोगोई विधायक हैं।
सीट के आहोम वोट भाजपा और कांग्रेस के बीच विभाजित होंगे, क्योंकि दोनों पार्टी के उम्मीदवार आहोम संप्रदाय के हैं, पर चाय श्रमिक मतदाता किसका रुख करेंगे, यह तो अंतिम समय में ही साफ होगा। ऊपरी असम में आनेवाली जोरहाट संसदीय सीट पर नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भाजपा और अगप के प्रति लोगों में गुस्सा है। इसका फायदा कांग्रेस उठा सकती है। यह तय है कि कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला बड़ा रोचक होगा। इस सीट पर कौन जीत हासिल करेगा यह कहना आसान नहीं है। 23 मई को नतीजे आने के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट होगी।