गुवाहाटी

ये सात ‘बहनें’ हैं निराला, पूर्वोत्तर में ला रहीं बदलाव का उजाला

North East: ‘सेवन सिस्टर्स’ के नाम से मशहूर पूर्वोत्तर के राज्य अपनी अनूठी विरासत और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हैं। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और जातीय रूप से विविध…

गुवाहाटीAug 14, 2019 / 07:49 pm

Nitin Bhal

ये सात ‘बहनें’ हैं निराला, पूर्वोत्तर में ला रहीं बदलाव का उजाला

इंफाल. ‘सेवन सिस्टर्स’ ( Seven Sisters ) के नाम से मशहूर पूर्वोत्तर ( North East ) के राज्य अपनी अनूठी विरासत और सांस्कृतिक विविधताओं को समेटे हैं। पूर्वोत्तर सांस्कृतिक और जातीय रूप से विविध हो सकता है, लेकिन यहां महिलाओं की स्थिति देशभर में बेहतर है। दहेज, कन्या भ्रूण हत्या, ऑनर किलिंग और बाल विवाह जैसी सामाजिक प्रथाएं यहां न के बराबर हैं। यहां महिलाएं बदलाव का नेतृत्व कर रही हैं। एपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स का मशहूर कथन है ‘तुम्हारा समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत करो’। आज हम आपको मिला रहे हैं ऐसी ही सात महिलाओं से जिन्होंने अपने दिल की सुनी और अपने क्षेत्र में बदलाव की ध्वजवाहक बन रही हैं। पूर्वोत्तर की ये सात महिलाएं अपने साथियों और युवाओं के लिए रोल मॉडल बन कर निखरी हैं।

नस्लीय भेदभाव के खिलाफ जारी है संघर्ष

अलाना गोलमी पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों से भारतीय शहरों में होने वाले भेदभाव के खिलाफ लड़ रही हैं। पूर्वोत्तर के लोगों के लिए उन्होंने निजी हेल्पलाइन नॉर्थ ईस्ट सपोर्ट सेंटर और हेल्पलाइन (एनइएससीएच) बनाई है। राजनीतिक विज्ञान में पीएचडी अलाना, एनइएससीएच को एक स्वैच्छिक मॉडल पर चलाती हैं। अलाना ने पूर्वोत्तर के लोगों के खिलाफ अपराध, कार्यस्थल पर उत्पीडऩ, और बलात्कार सहित लगभग 600 मामलों को संभाला है। अलाना का कहना है कि पूर्वोत्तर के लोगों को अब भी बहुत कुछ सहना पड़ता है हालांकि हालात अब बदल रहे हैं।

मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई

Meet seven sisters of North East, doing great job

हसीना खरबिह इम्पल्स एनजीओ की संस्थापक हैं, जो कि मेघालय की महिलाओं और बच्चों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। पिछले 30 वर्षों से वह पूर्वोत्तर में महिलाओं और बच्चों के लिए स्थायी जीवन-वृद्धि के अवसरों और एक सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए काम कर रही हैं। हसीना ने कहा- जब तक कि जमीनी स्तर पर महिलाएं सशक्त और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर नहीं बनेंगी तब तक महिलाओं और बच्चों की तस्करी को समाप्त नहीं किया जा सकता है। हसीना को मानव तस्करी से निपटने में उनके योगदान के लिए जापान सोशलिस्ट एक्टिविस्ट अवार्ड और जीडीएन ग्लोबल डेवलपमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति, आतंकियों का काल

Meet seven sisters of North East, doing great job

असम की लौह महिला के रूप में जानी जाने वाली संजुक्ता पराशर असम में आइपीएस अधिकारी के रूप में नियुक्त होने वाली पहली महिला हैं। अदम्य साहस की प्रतिमूर्ति पराशर ने 64 से अधिक आतंकियों को गिरफ्तार किया है। कई हथियार और गोला-बारूद भी जब्त किए हैं। संजुक्ता एक समर्पित और साहसी अधिकारी के रूप में जानी जाती हैं, जिन्हें आतंकवाद और भ्रष्टाचार से लडऩे के लिए जाना जाता है।

महिलाओं के लिए समर्पित बैंक

 

Meet seven sisters of North East, doing great job

लखीमी बरुआ ने 1998 में महिलाओं के लिए जोरहाट, असम में एक सहकारी बैंक कोनोक्लोता महिला शहरी सहकारी बैंक शुरू किया। बैंक पूर्वोत्तर में वंचित महिलाओं के लिए समर्पित है। बैंक में केवल महिला कर्मचारी हैं। मात्र आठ लाख रुपए की शुरुआती पूंजी से शुरू किया गया बैंक के पास आज 13,000 करोड़ रुपए से अधिक की कार्यशील पूंजी है। बैंक में 34,000 से अधिक खाते हैं।

स्वच्छ भारत बनाने में कर रहे सहयोग

Meet seven sisters of North East, doing great job

34 वर्षीय तमसुतुला इमसॉन्ग, साकर सेवा समिति की सह-संस्थापक हैं। नगालैंड की निवासी तिमसुतुला को मिशन ‘प्रभु घाट’ के तहत सिर्फ तीन दिनों में वाराणसी के घाटों की सफाई के लिए जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाटों की सफाई के लिए उनके और उनकी टीम के प्रयास के बारे में ट्वीट भी किया था। उन्होंने कनाडा की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान टोरंटो में अपने संबोधन में भी इस बारे में बात की थी। तमसुतुला का कहना है कि स्वच्छता एक आदत है जो सभी को अपनानी चाहिए।

आजीविका से जोड़ लुप्तप्राय गैंडों को सरंक्षण

Meet seven sisters of North East, doing great job

अपनी उच्च-वेतन वाली नौकरी को छोडक़र, निशा अपने पिता महेश बोरा के साथ असम में अपने प्रयास एलराइनो में शामिल हो गई। गैंडों के संरक्षण में जुटी एलराइनो गैंडे के गोबर से कागज बनाती है। निशा का उद्देश्य वन्यजीवों से आजीविका पैदा करना है। वह कहती हैं कि एलराइनो को लोगों का भरपूर प्यार मिल रहा है। हमें वास्तव में लगता है कि गैंडों के संरक्षण के लिए लोग आगे आ रहे हैं। धीरे-धीरे हम अपने उद्देश्य में सफल हो रहे हैं।

खुद नौकरी छोड़ दूसरों को रोजगार में मदद

Meet seven sisters of North East, doing great job

दिल्ली में खासी तनख्वाह पाने वाली वकील हेकानी जाखलू ने अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और 2006 में युवाओं को सशक्त बनाने में मदद करने के लिए नगालैंड में यूथनेट की स्थापना की। हेकानी के जीवन में महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने देखा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों के युवा अपने घरेलू राज्यों में रोजगार के अवसरों की कमी के कारण अन्य क्षेत्रों में चले जाते हैं। ऐसे में युवाओं के भविष्य को बेहतर और सक्षम करने के लिए दोस्तों के एक समूह के साथ यूथनेट शुरू किया। जो हजारों युवाओं के रोजगार के सपने को पूरा कर रहा है।

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