यूं तय किया पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर
पत्रकारिता में स्नातक करने के बाद वह 1975 में ऑल इंडिया रेडियो में इंग्लिश समाचार वाचक के तौर पर नियुक्त हुए थे। बाद में उनका भारतीय सूचना सेवा में चयन हुआ और आइज़ोल में समाचार संपादक के पद पर नियुक्त हुए। 1991 में उनका चयन भारतीय प्रसारण कार्यक्रम सेवा में हुआ। भारतीय प्रसारण मंत्रलाय में दूरदर्शन और रेडियो विभाग में 42 साल तक सेवा में रहने के बाद उन्होने दिसम्बर 2017 में स्वेछिक सेवानिवर्ती ली थी। ललरोसांगा के पास प्रशानिक और जन सेवा कार्यों का लंबा अनुभव होने के साथ–साथ राज्य में उनकी साफ–सुथरी छवी भी हैं।
कांग्रेस और ज़ेडपीएम ने साझा उम्मीदवार को उतारा
राज्य में पहली बार विपक्ष कांग्रेस और ज़ेडपीएम ने लोकसभा सीट के लिए साझा उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाया हैं। राज्य के चर्चित खेल पत्रकार और मिज़ोरम फूटबाल असोशिएशन के सचिव 42 वर्षीय तेतेआ मार को कांग्रेस और जोरम पीपुल्स मूवमेंट ने साझा उम्मीदवार बनाया हैं। तेतेआ मार एक नए चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। दोनों दलों किसी त्रिकोणीय वस्तु को साझा चुनाव चिन्ह को चुनाव आयोग से पंजीकृत कराने के लिए सहमत हुए हैं। तेतेआ राज्य में युवा मतदाताओं में एक युवा आइकॉन, प्रभावशाली पत्रकार और फूटबाल खिलाड़ी के तौर पर चर्चित हैं। वो वर्तमान में राज्य के सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र वंगलाइनी के संयुक्त संपादक के तौर पर कार्यरत हैं। दोनों दलों ने राज्य के नवम्बर 2018 के विधानसभा चुनाव अलग–अलग ही लड़ा था लेकिन चुनाव में कांग्रेस की हार ने राज्य में राजनीतिक गठबंधन करने को मजबूर कर दिया।
एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव
ललशिआतरेंगा छांगते ने निर्दलीय के तौर पर लोकसभा चुनाव में अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की हैं। भाजपा 18 मार्च को गुवाहाटी में होने जा रही पूर्वोत्तर पार्टी परिषद की बैठक में मिज़ोरम की लोकसभा सीट के लिए प्रत्याशी की घोषणा करेगी। राज्य में एकमात्र लोकसभा सीट और एक विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान 11 अप्रैल को प्रथम चरण में होंगे। राज्य में इस बार 7 लाख और 84 हजार मतदाता पंजीकृत हुए हैं। आइज़ोल पश्चिम -1 विधानसभा सीट से ज़ेडपीएम के नेता श्री ललदुहओमा के इस्तीफा देने से रिक्त हुई थी। उन्होंने दो सीटों से विधानसभा चुनाव जीते थे। उनके इस सीट से इस्तीफा देने से उपचुनाव हो रहे हैं। इस विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए भी कांग्रेस और ज़ेडपीएम ने सेवानिवृत्त राज्य अधिकारी ललबुआंगा साइलो को साझा उम्मीदवार के तौर पर प्रत्याशी बनाया हैं।
राज्य में चुनावी माहौल और मुद्दे
राज्य में इस बार चुनावी मुद्दों में नागरिकता संशोधन बिल 2016 और राज्य में बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के साथ राज्य के लिए अतिरिक्त वित्तीय संसाधन आवंटन बढ़ाने जैसे प्रमुख मुद्दे हैं। राज्य की एकमात्र लोकसभा सीट से भाजपा और सत्तारूढ़ एमएनएफ़ को बाहर रखने और नागरिकता बिल के विरोध में विपक्षी दल एक साथ आये हैं। नागरिकता बिल को लेकर भाजपा और सत्तारूढ़ एमएनएफ़ ने लोकसभा चुनाव अलग – अलग ही लड़ने का निर्णय किया हैं। एमएनएफ़ भाजपनीत पूर्वोत्तर लोकतान्त्रिक गठबंधन – नेडा और एनडीए का सहयोगी दल हैं लेकिन दोनों दलों ने पिछले साल हुए राज्य विधानसभा चुनाव अलग–अलग ही लड़े थे।