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गुवाहाटी

इस वजह से डॉक्टर हुआ मॉब लिंचिंग का शिकार, साथियों ने की प्रदेशव्यापी हड़ताल

Mob Lynching In India: चाय बागान ( Assam Tea ) के श्रमिकों ने बड़ी बेहरमी से डॉक्टर ( Jorhat Mob Lynching Case ) को मौत के घाट उतार दिया। भीड तंत्र की यह करतूत ( Mob Lynching ) कब तक चलेगी और यह क्यों हुआ यह एक बड़ा सवाल है…

गुवाहाटीSep 03, 2019 / 09:06 pm

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Mob Lynching In India

इस वजह से डॉक्टर हुआ मॉब लिंचिंग का शिकार, साथियों ने की प्रदेशव्यापी हड़ताल

(गुवाहाटी,राजीव कुमार): असम के जोरहाट ( Jorhat ) जिले के टियोक चाय बागान में श्रमिकों ने शनिवार को एक डॉक्टर की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। इसके विरोध में मंगलवार को राज्यभर में डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन किया और हड़ताल रखी। पर यह बड़ी चौंका देने वाली बात है कि आक्रोशित भीड़ ने डॉक्टर को भी नहीं बख़्शा और मौत के घाट उतार दिया, भीड तंत्र की यह करतूत कब तक चलेगी और यह हुआ क्यों यह एक बड़ा सवाल है…

 

शनिवार की शाम इस चाय बागान के एक श्रमिक सोमरा मांझी (35) को गिरने से चोटें आई। परिजन इलाज के लिए उसे बागान स्थित अस्पताल ले गए। लेकिन उस वक्त अस्तपाल के डॉक्टर देवेन दत्त (73) मौजूद नहीं थे। काफी देर बाद डॉ. दत्त अस्पताल पहुंचे। तब कर सोमरा मांझी की मौत हो गई। डॉक्टर की लापरवाही से श्रमिक की मौत होने का आरोप लगा अन्य श्रमिकों ने डॉक्टर दत्त को बाहर घसीट कर बुरी तरह पीटा। साथ ही बागान वेलफेयर सोसाइटी के अधिकारी जीवन कुर्मी की जमकर पिटाई कर दी। श्रमिकों ने अस्पताल को भी क्षति पहुंचाई। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची। श्रमिक कुछ शांत हुए। लेकिन…


पुलिस ने भांजी लाठियां

डॉक्टर को जोरहाट इलाज के लिए ले जाने आई एंबुलेंस को श्रमिकों ने लौटा दिया। स्थिति बिगड़ते देख पुलिस ( Assam Police ) ने लाठी चार्ज का निर्णय किया तो अखिल असम चाय छात्र संघ(आट्सा) के नेताओं ने श्रमिकों को समझा-बुझाकर फिर शांत किया। अंततः मृतक सोमरा मांझी को पोस्टमार्टम के लिए और घायल डॉक्टर को एक ही पुलिस गाड़ी में सवारकर जोरहाट ले जाया गया। जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचने के बाद डाक्टरों ने डा.दत्त को मृत घोषित कर दिया। इस सिलसिले में अब तक पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया है।

 

यह है मेडिकल एसोसिएशन की मांग


इस घटना के बाद चाय बागान में लॉक आउट की घोषणा की गई है। इस घटना के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)की असम शाखा ने मंगलवार सुबह छह बजे से चौबीस घंटों के लिए सभी चाय बागानों में मेडिकल सेवाएं जारी न रखने का एलान किया था। एसोसिएशन ने मांग रखी है कि डाक्टरों के खिलाफ हिंसा करनेवालों से निपटने के लिए सख्त केंद्रीय कानून बने। जोरहाट जिला प्रशासन ने मामले में मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। घटना से इलाके में तनाव है।

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