scriptमिज़ोरम और त्रिपुरा की स्कूल शिक्षा में लागू होगी नई समय-अवधि | new time-period will be applied in school education of Mizoram-Tripura | Patrika News

मिज़ोरम और त्रिपुरा की स्कूल शिक्षा में लागू होगी नई समय-अवधि

locationगुवाहाटीPublished: Mar 06, 2019 02:30:06 pm

Submitted by:

Prateek

त्रिपुरा में एक सीनियर वैज्ञानिक और शोधकर्ता निर्मल दत्ता कहते हैं कि पूरे देश में एक ही मानक समय होने की वजह से पूर्वोत्तर में सरकारी कार्यालयों, व्यसायिक गतिविधियों, परिवहन और शिक्षण गतिविधियां देश के पश्चिमी, उत्तर हिमालयी और सूदूर दक्षिणी राज्यों के साथ ही करना पड़ता हैंं इससे इस क्षेत्र के लोगों का दिन का समय बर्बाद होता हैंं, अलग समय-ज़ोन होने से क्षेत्र में दिन के समय का ज्यादा उपयोग कर सकेंगे…

(आइज़ोल,सुवालाल जांगू): मिज़ोरम और त्रिपुरा सरकारों ने नई स्कूल समय-अवधि लागू करने की घोषणा की हैं। इसके पीछे सरकार का उद्येश्य दिन के समय का बेहतर उपयोग करना और स्कूली-छात्रों को अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों के लिए ज्यादा समय देना है। यह नई समय-अवधि 2019-2020 के शैक्षणिक अवधि के लिए आगामी 01 अप्रैल से लागू होगी। इस नई समय-अवधि के दायरे में प्राथमिक, उच्च-प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च-माध्यमिक स्तर के विधालय आएंगे।


दोनों राज्यों के संबन्धित शिक्षा मंत्रियों ने सरकारी, सरकार-पोषित और निजी विधालय सभी प्रकार की स्कूली शिक्षण संस्थानों को नई समय-अवधि का पालन करने को कहा हैं। सभी स्तर के विधालयों का खुलने का समय एक ही होगा लेकिन बंद होने का समय अलग-अलग होगा। दोनों राज्यों में स्कुल सुबह 9 बजे खुलेगी और बंद होने का समय 2:00 से 3:30 बजे रहेगा। प्राथमिक विधालय का समय सुबह 9 बजे से लेकर 2 बजे तक, उच्च-प्राथमिक विधालय का समय सुबह 9 बजे से लेकर 3 बजे तक, माध्यमिक और उच्च-माध्यमिक विधालय का समय सुबह 9 बजे से लेकर 3:30 बजे तक रहेगा। सभी स्तर के विधालयों में 01 घंटे का मध्यांतर का समय रहेगा | अभी दोनों राज्यों में विधालय शिक्षा में समय-सूची सुबह 8 बजे से लेकर 2 बजे तक हैंं। त्रिपुरा के शिक्षा और कानून मंत्री रतनलाल नाथ ने बताया कि राज्य में स्कूली शिक्षा का समय-सूची में बदलाव किया जा रहा हैं जिससे छात्रों और शिक्षकों को अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों करने के लिए ज्यादा समय मिलेगा।


पूर्वोत्तर में अलग समय-ज़ोन की मांग

पूर्वोत्तर में सूर्योदय और सूर्यास्त जल्दी होता हैं जिससे इस क्षेत्र के समय और भारतीय मानक समय के बीच में 60-90 मिनट का अंतर होता हैं। क्षेत्र के लोगों को दिन के समय को बर्बाद करना पड़ता हैं। हालांकि इस नए समय-सूची को लागू करने से पहले राज्य की 800 सरकारी स्कूलों में आधारभूत सुविधाओं और शिक्षकों की कमी को स्वीकार करते हुए त्रिपुरा के शिक्षा मंत्री रतनलाल नाथ ने कहा कि सरकार इस दिशा में आवश्यक कदम उठाएगी। मिज़ोरम की सत्तारूढ़ पार्टी एमएनएफ़ ने 2018 के विधानसभा चुनाव में राज्य में स्कूली शिक्षा का समय-अवधि में बदलाव करने को चुनाव-घोषणापत्र में शामिल किया था। राज्य के सबसे बढ़े दो छात्र-संगठन मिज़ो जिरलाई पो (एमज़ेडपी) और मिज़ोरम छात्र संघ (एमएसयू) ने भी राज्य में स्कूली शिक्षा का समय-अवधि में बदलाव करने की मांग कर रहे थे।


एमज़ेडपी के अध्यक्ष एल रमदीनलिआना ने पूर्वोत्तर के लिए अलग समय-जोन की आवश्यकता बताई और कहा कि इससे क्षेत्र के लोग दिन के समय का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं। असम का ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (आसु ), पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों के छात्र संघों का संयुक्त पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो ) और इस क्षेत्र के सभी युवा सामाजिक संगठनों ने भी पूर्वोत्तर के लिए अलग समय-ज़ोन की मांग कर रहे हैं। त्रिपुरा में एक सीनियर वैज्ञानिक और शोधकर्ता निर्मल दत्ता कहते हैं कि पूरे देश में एक ही मानक समय होने की वजह से पूर्वोत्तर में सरकारी कार्यालयों, व्यसायिक गतिविधियों, परिवहन और शिक्षण गतिविधियां देश के पश्चिमी, उत्तर हिमालयी और सूदूर दक्षिणी राज्यों के साथ ही करना पड़ता हैंं इससे इस क्षेत्र के लोगों का दिन का समय बर्बाद होता हैंं, अलग समय-ज़ोन होने से क्षेत्र में दिन के समय का ज्यादा उपयोग कर सकेंगे।

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