scriptपूर्वोत्तर को भी सता रहा डर, जम्मू-कश्मीर का न पड़ जाए असर | North East stats of india in fear like Jammu Kashmir | Patrika News
गुवाहाटी

पूर्वोत्तर को भी सता रहा डर, जम्मू-कश्मीर का न पड़ जाए असर

Article 370: जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 के निष्प्रभावी होने का असर अब पूर्वोत्तर राज्यों पर भी पड़ रहा है। यहां भी लोग पशोपेश में हैं कि कहीं केन्द्र उनके राज्यों को मिले विशेषाधिकारों को समाप्त…

गुवाहाटीAug 13, 2019 / 11:36 pm

Nitin Bhal

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

पूर्वोत्तर को भी सता रहा डर, जम्मू-कश्मीर का न पड़ जाए असर

इंफाल. जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) के निष्प्रभावी होने का असर अब पूर्वोत्तर राज्यों पर भी पड़ रहा है। यहां भी लोग पशोपेश में हैं कि कहीं केन्द्र उनके राज्यों को मिले विशेषाधिकारों को समाप्त न कर दे। मणिपुर में कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि लोग आशंकित हैं कि केंद्र पूर्वोत्तर को दिए गए विशेष प्रावधानों को रद्द कर सकता है और इस क्षेत्र में राज्यों को केंद्रशासित प्रदेशों में बदल सकता है। मणिपुर कांग्रेस के प्रमुख गौखंगम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर के खिलाफ लिया गया फैसला दुर्भाग्यपूर्ण और संदिग्ध है। यह बताता है कि मणिपुर सहित पूर्वोत्तर राज्यों को निकट भविष्य में इसी तरह की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने भारत के अन्य हिस्सों की तुलना में पूर्वोत्तर में स्थिति “अलग” होने की ओर इशारा किया।

कब क्या हो जाए पता नहीं

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी यह नहीं बता सकता कि कब मणिपुर भी अपनी स्थलाकृति – पहाडिय़ों और घाटी के आधार पर दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया जाएगा। लोग आशंकित हैं कि केंद्र पूर्वोत्तर में दिए गए विशेष प्रावधानों को रद्द कर सकता है। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि सरकार अनुच्छेद 371 को रद्द नहीं करेगी, जो पूर्वोत्तर राज्यों को विशेष प्रावधान प्रदान करता है।

मणिपुर में अनुच्छेद 371 सी मणिपुर

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

यह असम में लागू अनुछेद 371बी की तरह ही है। मणिपुर में राष्ट्रपति चाहें तो राज्य के राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी देकर चुने गए प्रतिनिधियों की कमेटी बनवा सकते हैं। ये कमेटी राज्य के विकास संबंधी कार्यों की निगरानी करेगी। राज्यपाल को हर साल राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौंपनी होगी।

असम में अनुच्छेद 371 बी

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

राष्ट्रपति राज्य के आदिवासी इलाकों से चुनकर आए विधानसभा के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बना सकते हैं। इस कमेटी का काम राज्य के विकास संबंधी कार्यों की विवेचना करके राष्ट्रपति को रिपोर्ट सौपेना होगा।

नगालैंड मेंअनुच्छेद 371 ए

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

संविधान के इस प्रावधान के तहत नगालैंड का नागरिक ही वहां जमीन खरीद सकता है। देश के अन्य राज्यों के व्यक्ति को नगालैंड में जमीन खरीदने का अधिकार नहीं है। अनुच्छेद 371 ए के तहत नगालैंड के मामले में नगाओं की धार्मिक या सामाजिक परंपराओं, इसके पारंपरिक कानून और प्रक्रिया, नगा परंपरा कानून के अनुसार फैसलों से जुड़े दीवानी और फौजदारी न्याय प्रशासन और भूमि तथा संसाधनों के स्वामित्व और हस्तांतरण के संदर्भ में संसद की कोई भी कार्यवाही लागू नहीं होगी।

मिजोरम में अनुच्छेद 371जी

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

इस आर्टिकल के तहत मिजोरम में जमीन का मालिकाना हक सिर्फ वहां बसने वाले आदिवासियों का है। हालांकि, यहां प्राइवेट सेक्टर के उद्योग खोलने के लिए राज्य सरकार मिजोरम (भूमि अधिग्रहण, पुनर्वासन और पुनस्र्थापन) ऐक्ट 2016 के तहत भूमि अधिग्रहण कर सकती है।

सिक्किम अनुच्छेद 371 एफ

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

अनुच्छेद 371 एफ के तहत सिक्किम के पास पूरे राज्य की जमीन का अधिकार है, चाहे वह जमीन भारत में विलय से पहले किसी की निजी जमीन ही क्यों न हो। यहां किसी भी तरह के जमीन विवाद में देश के सुप्रीम कोर्ट या संसद को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। इसी प्रावधान के तहत सिक्किम की विधानसभा का कार्यकाल चार साल का है।

अरुणाचल प्रदेश में अनुच्छेद 371 एच

North East stats of india in fear like Jammu Kashmir

राज्यपाल के पास राज्य की कानून और व्यवस्था की स्थिति पर विशेष अधिकार हैं। इसके आधार पर मुख्यमंत्री के फैसले को रद्द किया जा सकता है।

Home / Guwahati / पूर्वोत्तर को भी सता रहा डर, जम्मू-कश्मीर का न पड़ जाए असर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो