नागा का अलग ध्वज व संविधान
पृथ्कतावादी नेता मुइवा ने अपने तीखे तेवर दिखाते हुए इस मौके पर समुदाय को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार से नागा राष्ट्रीय ध्वज और संविधान को मान्यता देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कि केंद्र सरकार बेशक मान्यता नहीं दे पर उनका अपना झंडा और संविधान है। इसे उन्होंने संप्रभुता के घटे और नागा राष्ट्रीयता का प्रतीक बताया।
नागा भारत संघ का हिस्सा नहीं
एनएससीएन के नेता मुइवा ने कहा कि नागा ने तो कभी भारत संघ का हिस्सा था और न ही कभी बर्मा का। नागालैंड के इतिहास को अनोखा बताते हुए उन्होंने कहा कि उनकी अगुवाई में एक दल नागा समुदाय के इतिहास पर केंद्र सरकार से बातचीत कर रहा है।
केंद्र कर चुका इंकार
गौरतलब है कि एनएससीएन के प्रमुख थुइंगलेंग मुइवा ने पूर्व मे यह कह कर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत सरकार ने ग्रेटर नगालैंड की उनकी मांग को मंज़ूरी दे दी है। बाद में केंद्र सरकार ने इन ख़बरों को “ग़लत” बताते हुए कहा कि ऐसा कोई फ़ैसला नहीं लिया गया। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने “ऐसी ख़बरें ग़लत बताते हुए केंद्र सरकार द्वारा ऐसे किसी भी समझौते से इंकार किया था।